जालंधर के आदमपुर के दमुंडा गांव में आग लगने से 18 वर्षीय युवक बुरी तरह झुलस गया और उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार मृतक युवक गांव में बनी झुग्गियों में रहता था।
फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही परिजनों के बयानों के आधार पर फिलहाल इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है और सिर्फ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
पुलिस को दिए बयान में बिहार के सहरसा निवासी जमेली राम ने बताया कि वह और उसका परिवार करीब 15 साल से पंजाब में मजदूरी कर रहे हैं। करीब दो साल से वह अपने परिवार के साथ आदमपुर निवासी पाल सिंह पुत्र प्यारा सिंह के खेत में मोटर पर बने कमरे से लगी झोपड़ी में रह रहे हैं।
जमेली राम ने बताया कि उनकी 4 बेटियां और 2 बेटे हैं। सबसे बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। सबसे बड़ा बेटा कृष्णा, जो लगभग 18 वर्ष का था, मानसिक बीमारी के कारण काम नहीं करता था।
जब जमेली राम अपनी पत्नी बचनी देवी के साथ काम के लिए गांव में थे। इसी बीच उन्हें अपने साले विजय कुमार का फोन आया कि उनके बेटे की झोपड़ी में आग लगने से मौत हो गई है।
जमेली राम तुरंत अपनी पत्नी बचनी देवी के साथ घर आए और देखा कि झोपड़ी जल चुकी थी और उनका बेटा आग में जलने के कारण मौके पर ही मर चुका था। झोपड़ी में एक चूल्हा था, जिस पर मेरी 6 और 8 साल की छोटी बेटियाँ चाय बना रही थीं। चाय बनाते समय अचानक तेज हवा के कारण चूल्हे में आग लग गई।
लड़कियां तो तुरंत झोपड़ी से बाहर निकल आईं और अपनी जान बचा ली, लेकिन झोपड़ी में ही बिस्तर पर सो रहा 18 वर्षीय बेटा कृष्णा बच गया। झोपड़ी में 8,000 रुपये नकद समेत सारा सामान जलकर राख हो गया।