दिल्ली की राजनीति में शिक्षा को लेकर बड़ा टकराव शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा सरकार के नए फीस कानून का विरोध तेज कर दिया है।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अभिभावकों और शिक्षकों से राय लिए बिना, चोरी-छिपे फीस कानून बनाकर दिल्ली की जनता पर थोप दिया है। भाजपा सरकार जनता की आवाज सुनने को तैयार नहीं है। अभिभावकों ने कई बार मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिलने का समय मांगा, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि इस कानून में कई गंभीर खामियां हैं, जिससे स्पष्ट है कि यह कानून शिक्षा व्यवस्था और अभिभावकों के खिलाफ है और निजी स्कूलों व शिक्षा माफियाओं के हित में बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले आयोजित टाउन हॉल मीटिंग में जब अभिभावकों ने सवाल पूछना शुरू किया तो आशीष सूद ने धमकाना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, अभिभावकों को सवाल लिखकर देने को कहा गया और मौके पर मौजूद पुलिस ने किसी को भी वीडियो रिकॉर्डिंग तक नहीं करने दी।
पार्टी नेता संजीव झा ने कहा कि जब भाजपा यह बिल विधानसभा में लेकर आई थी, तब आम आदमी पार्टी ने कड़ा विरोध किया था। पार्टी ने इसमें सुधार के लिए कई संशोधन भी पेश किए थे और वोटिंग कराई थी, लेकिन उस प्रक्रिया ने यह साबित कर दिया कि पूरी भाजपा शिक्षा माफियाओं के साथ खड़ी है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने ऐलान किया है कि भाजपा सरकार के कानून को लेकर दिल्ली के अभिभावकों को जागरूक करने के लिए छात्र इकाई ‘आम आदमी पार्टी स्टूडेंट विंग’ बड़ा अभियान चलाएगी। इसके तहत 19 अगस्त से राजधानी के निजी स्कूलों के बाहर पर्चे बांटने शुरू किए गए और अभिभावकों को कानून की खामियों के बारे में बताया गया। यह अभियान रोजाना जारी रहेगा और जनता को बताया जाएगा कि किस तरह भाजपा सरकार शिक्षा क्षेत्र को निजी हितों के हवाले कर रही है।
पार्टी का दावा है कि इस आंदोलन के जरिए भाजपा को पूरी तरह से बेनकाब किया जाएगा।