नई दिल्ली, 15 अक्टूबर। भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि उनका जीवन सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्थायी स्रोत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उनका विजन और चिंतन विकसित भारत के संकल्प सिद्धि में देश के बहुत काम आने वाला है।”
एक्स पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने एपीजे अब्दुल कलाम के साथ ली गई अपनी विभिन्न तस्वीरों वाला एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए डॉ. कलाम की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब्दुल कलाम में सहजता और सरलता स्वाभाविक रूप से थी। इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, एक वह जो अवसरों की तलाश करते हैं और दूसरे वह जो चुनौतियों की तलाश करते हैं। अब्दुल कलाम हमेशा चुनौतियों की तलाश में रहते थे। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि किस तरह यह विशेषता कलाम के जीवन को परिभाषित करती है।
डॉ. कलाम की अद्वितीय उपलब्धियों पर टिप्पणी करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह बहुत दुर्लभ बात है कि कोई व्यक्ति राष्ट्रपति बनने से पहले ही “राष्ट्र रत्न” बन जाए। यह सम्मान अब्दुल कलाम के असाधारण जीवन और उपलब्धियों के बारे में बहुत कुछ कहता है।
अपने एक संस्मरण को साझा करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा जब डॉ. कलाम से पूछा गया कि वह कैसे याद किए जाना चाहेंगे। उन्होंने सरलता से जवाब दिया था, ‘मुझे एक शिक्षक के रूप में याद किया जाना पसंद है।’
पीएम मोदी ने कहा कि कलाम का यह उत्तर न केवल उनके शिक्षकों के प्रति गहरे सम्मान को दर्शाता है, बल्कि उनके अडिग विश्वास और जीवनभर की प्रतिबद्धताओं को भी उजागर करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. कलाम द्वारा दिए गए मूल्यों को बनाए रखने के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए अंत में कहा, “अब्दुल कलाम के आशीर्वाद से हम उनकी शिक्षाओं द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। यह उनके लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।”
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, “भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। वे एक आदर्श और दूरदर्शी व्यक्ति थे, जो अपने समर्पण, नवाचार और देशभक्ति के लिए जाने जाते थे।”
उन्होंने आगे कहा कि कलाम ने भारत को एक विकसित, शक्तिशाली और आत्मनिर्भर देश के रूप में देखा। भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।