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शिमला नगर निगम अटारी नियमों पर विभाग से स्पष्टीकरण मांगेगा

Shimla Municipal Corporation will seek clarification from the department on attic rules.

शिमला नगर निगम नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग से अटारी से संबंधित नियमों पर स्पष्टीकरण मांगेगा, जिसके कारण बहुत कम लोग इस सुविधा के लिए आवेदन कर रहे हैं। यह निर्णय आज यहां नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान की अध्यक्षता में हुई वास्तुकार योजना शाखा की बैठक में लिया गया।

मेयर ने कहा कि यह देखा गया है कि बहुत कम लोग अटारी के लिए आवेदन कर रहे हैं, इसलिए हम अनुमति के नियमों पर स्पष्टीकरण मांगेंगे। उन्होंने कहा, “हम देखेंगे कि क्या उन्हें रसोई और शौचालय की सुविधा दी जा सकती है।”

संशोधन के अनुसार, आवासीय और अन्य उपयोगों के लिए रहने योग्य अटारी का विकल्प उपलब्ध कराया गया है। इसके लिए प्रत्येक ब्लॉक में रहने योग्य अटारी के लिए शुल्क लिया जा रहा है, जबकि रहने योग्य बेसमेंट को एक स्वतंत्र मंजिल के रूप में गिना जा रहा है। यदि अटारी का उपयोग आवासीय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाना है, तो व्यक्ति को सामान्य दरों से 1.6 गुना अधिक शुल्क देना होगा।

अट्टालिकाओं को रहने योग्य बनाने के लिए लोगों को 40 वर्ग मीटर तक के लिए 50,000 रुपये, 40 से 60 वर्ग मीटर के लिए 75,000 रुपये, 60 से 100 वर्ग मीटर के लिए 1 लाख रुपये तथा 100 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के लिए 1,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क देना होता है।

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