श्रीनगर, 30 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपना नाम लिए जाने पर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के अब्दुल रशीद मीर ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में मेरा और मेरे उत्पाद का नाम लिया। मेरे पास उनका शुक्रिया अदा करने के लिए शब्द नहीं है।
अब्दुल रशीद ने अपने उत्पाद के बारे में बताते हुए कहा, “यह एक स्नो पीस है। इसे दाना बनने से पहले उठाया जाता है। इससे तकरीबन 10 किलो उत्पादन होता है। अगर आप परंपरागत शैली से इसका उत्पादन करेंगे, तो मात्रा कम होगी, लेकिन अगर आप आधुनिक शैली से उत्पादन करेंगे, तो मात्रा अधिक होगी। इससे हमारे किसान भाइयों को बहुत फायदा हुआ है। वहीं हमें अपने उत्पादों को लाने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है। केंद्र सरकार के सहयोग की वजह से हमारे उत्पादों का निर्यात हो पा रहा है और हमें पैसे की भी कोई दिक्कत नहीं हो रही है।“
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 111वें एपिसोड में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के किसान अब्दुल रशीद के नाम का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब्दुल रशीद ने एक मिसाल पेश की है। कुछ लोगों के मन में आया कि क्यों न जम्मू-कश्मीर में पैदा होने वाली फसलों को दुनिया के नक्शे पर दिखाया जाए। अब्दुल रशीद ने अपने यहां के अन्य किसानों के साथ मिलकर स्नो मटर उगाना शुरू किया। इसके बाद देखते ही यह स्नो मटर जम्मू–कश्मीर से लेकर लंदन तक अपनी अद्भुत पहचान स्थापित कर गया
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में ‘लोकल फॉर वोकल’ पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत में ऐसे अनेक उत्पाद हैं, जिनकी दुनिया में खूब मांग है। जब हम इन उत्पादों को वैश्विक परिधि पर देखते हैं, तो गर्व से भर जाते हैं। हमारा इस तरह से गौरवान्वित हो जाना लाजिमी है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान आंध्र प्रदेश के एक उत्पाद अराकु कॉफी का जिक्र किया। यह पूरी दुनिया में विख्यात है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “अमरनाथ यात्रा शुरू हो चुकी है और अगले कुछ दिनों में पंढरपुर वारी की यात्रा भी शुरू होने वाली है। मैं इन यात्राओं में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देता हूं।“
‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत 2014 में हुई थी, जो अनवरत जारी है। यह 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तो, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं।