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आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री के घर एसीबी ने ली तलाशी, बेटे को किया गिरफ्तार

ACB searched the house of former Andhra Pradesh minister, son arrested

विजयवाड़ा, 13 अगस्त । एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता जोगी रमेश के घर की तलाशी ली और एग्रीगोल्ड भूमि घोटाला मामले में उनके बेटे जोगी राजीव को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।

भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के पंद्रह अधिकारियों ने सुबह करीब 5 बजे एनटीआर जिले के इब्राहिमपट्टनम में जोगी रमेश के घर की तलाशी शुरू की। एग्रीगोल्ड भूमि मामले में सीआईडी ​​द्वारा दर्ज एफआईआर में जोगी राजीव आरोपी नंबर वन हैं।

जोगी रमेश के चाचा जोगी वेंकटेश्वर राव भी मामले में आरोपी बनाए गए हैं। एफआईआर में कुछ अन्य आरोपियों के नाम भी हैं। उन्होंने कथित तौर पर एनटीआर जिले के विजयवाड़ा ग्रामीण मंडल के अंबापुरम गांव में एग्री गोल्ड घोटाले में सीआईडी ​​द्वारा जब्त की गई जमीन खरीदी और उन्हें दूसरों को बेच दिया।

सीआईडी ​​ने 2 अगस्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 409, 467, 471, 120 (बी) के साथ धारा 34 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर के अनुसार, अपराध 19 जून, 2024 से पहले हुआ था, जब वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी। सीआईडी ​​के डीएसपी अब्दुल करीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज किया गया।

जोगी रमेश ने मीडियाकर्मियों से कहा कि उनका बेटा निर्दोष है। वाईएसआरसीपी नेता ने कहा, “मेरे बेटे ने अमेरिका में पढ़ाई की और डेलोइट में काम किया। उसने कुछ भी गलत नहीं किया है।”

रमेश ने कहा कि मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे और मंत्री नारा लोकेश उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने पूछा कि उनके निर्दोष बेटे को क्यों निशाना बनाया जा रहा है।

आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने पूछा, “क्या कोई सीआईडी ​​द्वारा जब्त की गई जमीन खरीद सकता है।”

पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर उन्होंने या उनके परिवार के सदस्यों ने एग्री गोल्ड की जमीनों में कुछ भी गलत किया है, तो वे विजयवाड़ा में सार्वजनिक रूप से फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार हैं।

सीआईडी ​​ने एग्रीगोल्ड की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया के तहत जमीन जब्त की थी। एग्रीगोल्ड एक ऐसी कंपनी है जिसने निवेश योजना में 11 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को ठगा। 2014-15 में 6,380 करोड़ रुपये की एग्रीगोल्ड वित्तीय धोखाधड़ी सामने आई थी। सीआईडी ​​और प्रवर्तन निदेशालय ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में 4,141 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की।

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