दिल्ली के पहाड़गंज में पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने 21 की पहचान की और 18 को डिपोर्ट कर दिया
पुलिस ने तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया। एक घर में छापेमारी के दौरान संदिग्ध लोग मिले, जिनके पास भारतीय और बांग्लादेशी दोनों प्रकार के दस्तावेज थे। इनके पास से पासपोर्ट और आधार कार्ड बरामद किया गया।
गिरफ्तार महिला स्वीटी सरकार, उसकी बेटी और इसके साथ ही एक नाबालिग को भी पकड़ा गया। पुलिस के मुताबिक महिला स्वीटी 20 साल से अवैध रूप से भारत में रह रही थी और उसका असली नाम जोहरा खातून था। वह एक ट्रैवल कंपनी में काम करती थी।
स्वीटी के बारे में जानकारी मिली है कि उसने और भी लोगों के लिए इसी तरह के दस्तावेज तैयार किए हैं। इसके अलावा, एक मध्यस्थ का नाम भी सामने आया है, जिसने पासपोर्ट तैयार करने में मदद की थी।
स्वीटी का आधार कार्ड मुनिरका से बना था और उसने 3 जुलाई 2020 को वोटर कार्ड भी बनवाया था।
सेंट्रल दिल्ली जिला के डीसीपी एम हर्षवर्धन ने इस संबंध में प्रेसवार्ता की।
उन्होंने कहा कि ये आज से 20 साल पहले दिल्ली में आ गए थे। ये लोग जब पहली बार दिल्ली में आए थे, तो मुनिरका इलाके में रुके थे, इसलिए इनके आधार कार्ड पर मुनिरका का पता है। इसके बाद ये पहाड़गंज इलाके में रहने लगे, इसलिए इनके आधार कार्ड में मुनिरका का एड्रेस है और इनका वोटर आईडी कार्ड 3 जुलाई 2020 को जारी किया गया था। इनके पहाड़गंज वाले इलाके के नाम से यह वोटर आईडी कार्ड जारी किया गया था।
उन्होंने आगे कहा कि इनके पास वोटर आईडी कार्ड भी था, तो ऐसे में इनके लिए पासपोर्ट बनाना आसान था, क्योंकि इन लोगों ने सबसे पहले पासपोर्ट बनाने में इस्तेमाल होने वाले दस्तावेजों को पहले से ही बनवा लिया। पासपोर्ट में जन्म स्थल दिल्ली बताया गया है।
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