अवैध ड्रग व्यापार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण अभियान में शिमला पुलिस ने दो बहनों महक नेगी (24) और सिमरन नेगी (22) को स्थानीय ड्रग नेटवर्क रंजन सिंडिकेट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। कोटखाई तहसील के पदशाल गांव की निवासी दो महिलाओं को सिंडिकेट के सरगना रंजन शर्मा के निर्देशन में हेरोइन (जिसे स्थानीय रूप से “चिट्टा” के नाम से जाना जाता है) बेचते हुए पकड़ा गया।
शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि पिछली जांच में पता चला कि दोनों बहनें नशीले पदार्थों के धंधे में शामिल थीं। दोनों न केवल विक्रेता थीं, बल्कि अवैध पदार्थ की उपभोक्ता भी थीं। अदालत में पेश होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया है।
इस गिरफ्तारी के साथ ही रंजन सिंडिकेट से जुड़े कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें रंजन खुद भी शामिल है, जिसे सितंबर में गिरफ्तार किया गया था। यह सिंडिकेट मुख्य रूप से शिमला जिले के ठियोग और कोटखाई इलाकों में संचालित होता था, जहां रंजन के एक ज्ञात सहयोगी कमल आचार्य द्वारा दिल्ली से ड्रग्स की तस्करी की जाती थी। आचार्य वितरण के लिए कोटखाई में छोटी मात्रा में हेरोइन ले जाता था।
शिमला में इस साल ड्रग तस्करी का यह तीसरा बड़ा मामला है। सितंबर में पुलिस ने शशि नेगी उर्फ शाही महात्मा को भी गिरफ्तार किया था, जो अपने 25 साथियों के साथ अंतरराज्यीय ड्रग तस्करी में शामिल था। जून की शुरुआत में एक और महत्वपूर्ण भंडाफोड़ में नेपाल से संबंध रखने वाले नारकंडा के सरगना रवि गिरी को गिरफ्तार किया गया था, जो जिले में ड्रग तस्करी पर लगाम लगाने के लिए स्थानीय कानून प्रवर्तन द्वारा किए जा रहे निरंतर प्रयासों को दर्शाता है।