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एयरो इंडिया 2025 : रक्षा मंत्री ने बेंगलुरु में एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

Aero India 2025: Defense Minister inaugurates Asia's largest aerospace and defense exhibition in Bengaluru

कर्नाटक के बेंगलुरु में येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया के 15वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण और अग्रणी प्रौद्योगिकियों का संगम ‘एयरो इंडिया-2025’ आज की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी लाभ के आधार पर समान विचारधारा वाले देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘एयरो इंडिया-2025’ देश की औद्योगिक क्षमता और तकनीकी प्रगति को विश्‍व के समक्ष प्रदर्शित करेगा, साथ ही मित्र देशों के साथ सहजीवी संबंधों को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि स्थायी शांति तभी प्राप्त की जा सकती है, जब राष्ट्र एक साथ मजबूत बनें और बेहतर विश्व व्यवस्था की दिशा में कार्य करें।

रक्षा मंत्री ने कहा कि पांच दिवसीय इस कार्यक्रम में विश्‍व भर से सरकारी प्रतिनिधि, उद्योग प्रमुख, वायु सेना के अधिकारी, वैज्ञानिक, रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, स्टार्ट-अप, शिक्षाविद् और अन्य हितधारक भाग लेंगे तथा यह संगम भारत के साझेदारों को सभी के लाभ के लिए करीब लाएगा।

उन्होंने कहा कि हम अक्सर खरीदार और विक्रेता के रूप में वार्तालाप करते हैं, जहां हमारे संबंध लेन-देन के स्तर पर होते हैं। हालांकि, दूसरे स्तर पर, हम अपनी साझेदारी को खरीदार-विक्रेता संबंध से आगे औद्योगिक सहयोग के स्तर तक ले जाते हैं। हमारे पास समान विचारधारा वाले देशों के साथ सह-उत्पादन और सह-विकास के कई सफल उदाहरण हैं। हमारे लिए, भारतीय सुरक्षा या भारतीय शांति अलग नहीं है। सुरक्षा, स्थिरता और शांति साझा निर्माण हैं, जो राष्ट्रीय सीमाओं से परे हैं। हमारे विदेशी मित्रों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि हमारे साझेदार ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के हमारे दृष्टिकोण को साझा करते हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के वर्तमान वातावरण के बावजूद भारत एक ऐसा बड़ा देश है, जो शांति और समृद्धि का अनुभव कर रहा है। भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया और न ही वह किसी महाशक्ति के साथ प्रतिद्वंद्विता में शामिल रहा है। हम हमेशा शांति और स्थिरता के समर्थक रहे हैं। यह हमारे मूल आदर्शों का हिस्सा है। वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए भारत के साथ सहयोग महत्वपूर्ण है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत एक परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है, जो तेजी से विकासशील से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा एक ठोस, सतत और सुविचारित प्रारूप के कारण देश में एक जीवंत और संपन्न रक्षा उद्योग पारिस्थितिकी व्‍यवस्‍था बनाई गई है। रक्षा औद्योगिक क्षेत्र, जिसे पहले राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के घटक के रूप में नहीं देखा जाता था, आज समग्र अर्थव्यवस्था के साथ पूरी तरह से एकीकृत हो गया है। यह क्षेत्र अब एक मोटर की तरह है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास इंजन को शक्ति प्रदान कर रहा है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 में रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन, जिसमें पूंजी अधिग्रहण के लिए 1.80 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं, इस बात का प्रमाण है कि सरकार रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र मानती है। पिछले बजट की तरह, आधुनिकीकरण बजट का 75 प्रतिशत हिस्सा घरेलू स्रोतों से खरीद के लिए आरक्षित किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत के रक्षा औद्योगिक परिसर की क्षमताओं को व्यापक और सघन बनाना है।

उन्होंने इस समग्र विकास गाथा में निजी उद्यमियों की भागीदारी बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को मुख्यधारा में लाने में निजी क्षेत्र बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। अपनी प्रेरणा, उदारता और उद्यमशीलता के कारण यह क्षेत्र देश में समृद्धि की नई लहर लाने में सक्षम है। कई उन्नत देशों में निजी उद्योग ने रक्षा उत्पादन का नेतृत्व किया है। अब समय आ गया है कि यहां भी यह क्षेत्र रक्षा उद्योग में बराबर का भागीदार बने।

रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए रक्षा निर्माता सहयोगात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने गुजरात में सी-295 परिवहन विमान के उत्पादन के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस के बीच संयुक्त उद्यम को इस सहयोग का एक शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि आज भारत एयरोस्पेस कंपोनेंट्स और कॉम्प्लेक्स सिस्टम असेंबली के लिए वैश्विक स्तर पर पसंदीदा गंतव्य बन गया है और सार्वजनिक क्षेत्र और निजी उद्योग इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

पिछले एयरो इंडिया से प्राप्त उपलब्धियों का उल्‍लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अस्त्र मिसाइल, नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल, ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल, मानवरहित सतह पोत, पिनाका गाइडेड रॉकेट जैसे कई उच्च तकनीक वाले उत्पाद देश में ही बनाए जा रहे हैं। उन्होंने आने वाले समय में 1.27 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन और 21,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात के आंकड़े को पार करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार के अटूट संकल्प को दोहराया कि रक्षा क्षेत्र अभूतपूर्व गति से आगे बढ़े।

रक्षा मंत्रालय में 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किए जाने पर रक्षा मंत्री ने कहा कि यह केवल सरकारी नारा नहीं है, बल्कि सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता है। सुधारों के लिए निर्णय केवल मंत्रालय स्तर पर नहीं लिए जा रहे हैं, बल्कि सशस्त्र बल और डीपीएसयू भी इस प्रयास में भाग ले रहे हैं। सुधारों के इस अभियान को और तेजी से आगे बढ़ाने के लिए रक्षा क्षेत्र के सभी हितधारकों की भागीदारी होनी चाहिए। मंत्रालय से जुड़े सभी हितधारकों के सुझावों का स्वागत है।

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