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छात्रों की हड़ताल के 44 दिन बाद कुलपति ने मांगों के समाधान का आश्वासन दिया

After 44 days of students' strike, Vice Chancellor assured resolution of demands.

सोनीपत, 24 अगस्त मुरथल स्थित दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) के छात्रों की 44 दिनों से चल रही हड़ताल के बाद आज सोनीपत के एसडीएम अमित कुमार की मौजूदगी में कुलपति श्री प्रकाश सिंह और छात्रों के बीच बैठक हुई। कुलपति ने छात्रों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

इससे पहले गुरुवार रात को लंबित मांगों को लेकर भड़के सैकड़ों छात्रों ने कुलपति आवास के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया था और मुख्य सड़क पर धरना दिया था। सूचना मिलने पर सहायक पुलिस आयुक्त विश्वविद्यालय पहुंचे और छात्रों को समझाने का प्रयास किया, जिसके बाद छात्रों ने ताला खोल दिया, लेकिन पूरी रात और शुक्रवार सुबह भारी बारिश के दौरान भी उनका धरना जारी रहा।

सुबह जब कुलपति श्री प्रकाश सिंह अपने घर से बाहर आए और छात्रों से रास्ता देने को कहा तो छात्रों ने हटने से इनकार कर दिया।

बाद में, एसडीएम की मौजूदगी में एक बैठक बुलाई गई, जिसके बाद कुलपति ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी छात्रों की लगभग सभी मांगों पर चर्चा की गई और मांगों के समाधान के लिए छात्रों को समयसीमा दी गई।

उन्होंने कहा, “मैं विश्वविद्यालय में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए यहां हूं ताकि छात्रों को खुले बाजार में प्रतिस्पर्धा करने का अच्छा मौका मिल सके।”

उन्होंने कहा कि परिसर में सड़कों के निर्माण के लिए 3.8 करोड़ रुपये का अनुमान सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है और मानसून सत्र समाप्त होने पर काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, प्रशासनिक भवनों, छात्रावास भवनों, विश्वविद्यालय ब्लॉकों और आवासीय फ्लैटों के रखरखाव के लिए अनुमान स्वीकृत किए गए हैं। कुलपति ने कहा कि आदर्श आचार संहिता हटने के बाद निविदाएं आवंटित की जाएंगी।

20 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठे शोध छात्र जसमिंदर ने बैठक की कार्यवाही की जानकारी मिलने के बाद अपना अनशन समाप्त कर दिया।

नाम न बताने की शर्त पर एक छात्र ने बताया कि कुलपति के साथ बैठक लाभदायक रही। इससे पहले कुलपति को सौंपे ज्ञापन में प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि वे 10 जुलाई से धरने पर हैं और 18 दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं, लेकिन उनकी चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया गया है।

छात्रों ने अपने ज्ञापन में कहा था कि वे आतंकवादी नहीं हैं, बल्कि विश्वविद्यालय में बेहतर शिक्षण माहौल की मांग कर रहे हैं।

प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों के लिए सुविधाएं मांगी गईं पीएचडी अध्यादेश 2018-19 से खंड 11.6 को स्थायी रूप से संशोधित करें चीफ वार्डन (प्रो. ए.के. सिंह) को बर्खास्त किया जाए, जिनकी नियुक्ति कथित तौर पर अवैध रूप से की गई थी। नवनियुक्त मुख्य वार्डन (लड़के) द्वारा जारी सभी आदेशों को वापस लेना प्रयोगशालाओं और कार्यशालाओं के लिए पर्याप्त उपकरण, मशीनों और रसायनों का प्रावधान पुस्तकालय और वाचनालय में उचित रोशनी, एसी, कुर्सियां, पुस्तकें और ई-पत्रिकाएं उपलब्ध होनी चाहिए। विश्वविद्यालय में प्रतिवर्ष खेलकूद एवं एथलेटिक्स मीट का आयोजन किया जाना चाहिए सुरक्षित पेयजल और शौचालयों में उचित सुविधाओं का प्रावधान

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