चेन्नई, 27 सितम्बर । तमिलनाडु में भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद अन्नाद्रमुक खुद को पुनर्जीवित कर रही है। अब वह प्रत्येक विधानसभा सीट पर आयोजकों की नियुक्ति करेगी।
तमिलनाडु में प्रमुख विपक्षी दल ने 2021 विधानसभा चुनाव में 33.29 वोट प्रतिशत के साथ 66 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
पार्टी ने सोमवार को भाजपा के साथ अपना राजनीतिक गठबंधन तोड़ दिया और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक अलग गठबंधन बनाने का फैसला किया है।
दूसरी ओर, द्रमुक ने 133 विधानसभा सीटें जीती थीं और 37.7 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था। दोनों मुख्य द्रविड़ पार्टियों के बीच अंतर केवल 4.41 प्रतिशत था। ज़मीनी स्तर पर प्रतिशत में इस कम अंतर ने अन्नाद्रमुक को ‘अहंकारी’ भाजपा के साथ अपने रिश्ते तोड़ने का आत्मविश्वास दिया है।
अन्नाद्रमुक की लोकप्रियता के दम पर भाजपा ने 2021 के चुनावों में चार विधानसभा सीटें जीती थीं, हालांकि उसका वोट शेयर केवल 2.61 प्रतिशत था।
अन्नाद्रमुक के एक वरिष्ठ राज्य स्तरीय पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, “भाजपा और एनडीए के साथ संबंध तोड़ने की घोषणा के बाद पार्टी को कई राजनीतिक दलों से आगे के सहयोग पर चर्चा के लिए फोन आने लगे, जिनमें से कुछ अब द्रमुक मोर्चे के साथ गठबंधन कर चुके हैं।”
उन्होंने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि हमने सही समय पर सही निर्णय लिया है।”
अन्नाद्रमुक अब अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आयोजकों की नियुक्ति करेगी जो बूथ अध्यक्षों और सचिवों के साथ समन्वय करेंगे और मतदाता सूची को अपडेट करेंगे। आयोजक विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्येक बूथ पर आधारित कार्यक्रम भी आयोजित करेंगे और केंद्र तथा राज्य सरकार की विफलताओं के बारे में बात करेंगे।
राज्य में द्रमुक सरकार से जुड़े भ्रष्टाचार और राज्य सरकार से जुड़ी कई विफलताओं को भी अन्नाद्रमुक द्वारा जमीनी स्तर पर जनता के बीच उठाया जाएगा। पार्टी के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी तमिल गौरव को भी बढ़ावा देगी और पूर्व मुख्यमंत्रियों सी.एन. अन्नादुराई और जे. जयललिता की यादों का अपमान करने पर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलेगी।
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