October 18, 2024
National

ईडी और सोरेन के बीच छह महीने से जारी “पत्र युद्ध” के बाद अब 16 से 20 जनवरी के बीच बड़ी कार्रवाई के संकेत

रांची, 15 जनवरी । ईडी और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के बीच पिछले छह महीने से चल रहे “पत्र युद्ध” के बाद अब 16 से 20 जनवरी की तारीखें बेहद अहम हैं।

रांची के बड़गांई अंचल में जमीन घोटाले से जुड़े प्रकरण में इन पांच दिनों में बड़े घटनाक्रम के संकेत मिल रहे हैं। ईडी ने 13 जनवरी को हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में कह दिया है कि अगर 16 से 20 जनवरी के बीच वे एजेंसी के समक्ष हाजिर नहीं होते हैं तो उसे खुद उनके पास आना पड़ेगा।

ईडी ने यहां तक कहा है कि ऐसी स्थिति में विधि-व्यवस्था को लेकर चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। यह आपकी जिम्मेदारी होगी और इसलिए विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आप राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को उचित निर्देश दें।

इस बीच सीएम सचिवालय का एक संदेशवाहक सोमवार दोपहर को सीलबंद लिफाफे में पत्र लेकर रांची में एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी के जोनल दफ्तर पहुंचा। माना जा रहा है कि इसमें हेमंत सोरेन ने ईडी को अपना जवाब भेजा है। हालांकि, यह साफ नहीं हो पाया है कि वे 16 से 20 जनवरी के बीच ईडी के समक्ष हाजिर होंगे या नहीं।

इसके पहले ईडी की ओर से एक-एक कर भेजे गए सात समन के जवाब में सोरेन की ओर से हर बार पत्र भेजा गया था। सोरेन ने इन पत्रों में ईडी के समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रभावित बताया था। उन्होंने ईडी पर उनके खिलाफ मीडिया ट्रायल को प्रोत्साहित करने और किसी स्पष्ट तथ्य या आरोप के बगैर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया था।

सोरेन ने यह भी कहा था कि वे अपनी संपत्ति आदि के बारे में ईडी को पहले ही सारा ब्योरा उपलब्ध करा चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि रांची के बड़गाईं अंचल की जमीन से जुड़े सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ और जालसाजी के मामले की जांच के सिलसिले में ईडी सीएम हेमंत सोरेन का बयान दर्ज करना चाहती है। इस मामले में आईएएस छवि रंजन सहित डेढ़ दर्जन लोगों को ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब वह इस प्रकरण में हेमंत सोरेन की भूमिका के बारे में उनसे कई बिंदुओं पर पूछताछ करना चाहती है।

इसके लिए उन्हें पहली बार 14 अगस्त 2023 को हाजिर होने के लिए समन भेजा गया था। इसके बाद 24 अगस्त, 9 सितंबर, 23 सितंबर, 4 अक्टूबर, 12 दिसंबर और 30 दिसंबर से 5 जनवरी 2024 के बीच उपस्थित होने के लिए समन भेजा गया था। ईडी का कहना है कि बार-बार भेजे जा रहे कानून सम्मत समन के बावजूद हेमंत सोरेन के उपस्थित न होने से जांच में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्हें आठ समन भेजे जा चुके हैं। अब भी सोरेन नहीं आते हैं तो एजेंसी उनके पास पहुंचेगी।

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