दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार ब्लास्ट पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस धमाके के पीछे पाकिस्तान की साजिश हो सकती है। आठवले ने कहा कि ऐसे में जरूरी है कि इसकी गहन जांच हो और पाकिस्तान को एक बार फिर सबक सिखाया जाए।
आठवले ने आईएएनएस से कहा, “दिल्ली में जो धमाका हुआ, उसके पीछे पाकिस्तान का हाथ हो सकता है। पाकिस्तान हमेशा इसी तरह की प्लानिंग करता है। लोगों को गुमराह करके, उन्हें पैसे देकर आतंक फैलाने का काम करवाता है। जैसा पहले पहलगाम में भी हुआ था।”
उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई होनी चाहिए ताकि वह दोबारा ऐसी हरकत करने की हिम्मत न करे।
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस मुश्किल समय में राजनीति नहीं करनी चाहिए। जो लोग आज आलोचना कर रहे हैं, उनके कार्यकाल में भी ऐसी घटनाएं हुई थीं। इस पर राजनीति करना देश के हित में नहीं है।
उन्होंने बताया कि सरकार इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है। आरोपियों को पकड़ने का काम तेजी से चल रहा है। इस मामले की जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंप दी गई है। गृह मंत्री अमित शाह लगातार इस पर नजर रखे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी ओर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर आईएएनएस–मेट्राइज एग्जिट पोल पर भी केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, “दूसरे चरण के लिए 11 तारीख को मतदान हुआ और इस बार लगभग 69 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो अब तक देश में सबसे ज्यादा है। पहले चरण में करीब 60 प्रतिशत वोटिंग थी, जबकि कई इलाकों में 63 प्रतिशत, 65 प्रतिशत और 66 प्रतिशत तक मतदान हुआ।”
आठवले ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जनता, विशेषकर महिलाओं के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। नीतीश कुमार ने महिलाओं के खातों में 10,000 रुपए जमा करवाए हैं और कई छोटी-छोटी योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे गरीब और मध्यम वर्ग को सीधा फायदा मिला है।
केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि बिहार की जनता विकास और स्थिरता के लिए एनडीए को ही फिर से मौका देगी। उन्होंने कहा, “जनता ने देखा है कि एनडीए ने राज्य में काम किया है और यही वजह है कि मतदान में इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। यह लोकतंत्र के लिए एक अच्छा संकेत है।”


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