February 7, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ में महाबैठक, कैबिनेट के बाद पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग भी तैयार

After the general meeting in Maha Kumbh, the Livestock and Milk Development Department is also ready after the Cabinet.

लखनऊ, 7 फरवरी । योगी कैबिनेट की बैठक के बाद अब महाकुंभ 2025 में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग की अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें प्रदेश में पशुधन, डेयरी उद्योग और गोशालाओं के विकास पर बड़े निर्णय लिए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य पशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना, गोमूत्र के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देना और दुग्ध उत्पादन को दोगुना करना है।

8 फरवरी को महाकुंभ नगर में होने वाली बैठक में डेयरी पॉलिसी-2022 में बदलाव, पशु अस्पतालों की 24 घंटे उपलब्धता और दुग्ध संघों को मजबूत करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। इस बैठक के बाद कैबिनेट में इन प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। योगी सरकार के इन प्रयासों से न केवल पशुधन क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि डेयरी उद्योग को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त होगा।

योगी सरकार पशु स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में पशु अस्पतालों को 24 घंटे संचालित करने की योजना बना रही है। बैठक में इस पर मुहर लगने की भी संभावना है। फिलहाल, पशु एंबुलेंस सेवा सुबह से शाम तक ही उपलब्ध है, लेकिन अब सरकार इसे रात्रिकालीन सेवा के साथ 24 घंटे सक्रिय रखने पर काम कर रही है। हर अस्पताल में रात के समय एक पशु चिकित्सक, एक पैरा मेडिकल स्टाफ और 1962 एंबुलेंस सेवा तैनात रहेगी, जिससे किसानों और पशुपालकों को रात में भी अपने पशुओं के इलाज की सुविधा मिलेगी।

प्रदेश सरकार गोमूत्र को औद्योगिक उपयोग में लाने की योजना पर कार्य कर रही है। इसके तहत नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) और कॉरपोरेट कंपनियों के सहयोग से गोमूत्र की खरीद की जाएगी। गोमूत्र से फिनायल, कीटनाशक और जैविक खाद बनाने की योजना है, जिससे न केवल गोशालाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा, बल्कि जैविक उत्पादों को बढ़ावा भी मिलेगा।

योगी सरकार सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर काम कर रही है। इस योजना में नाबार्ड और अन्य फर्टिलाइजर कंपनियों से सहयोग लिया जाएगा, जिससे गोशालाओं के संचालन में वित्तीय मजबूती आ सके। बरेली के आंवला स्थित इफ्को प्लांट में दो हजार गोवंश की गोशाला स्थापित की जाएगी, जिससे गोवंश संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय किसानों को फायदा होगा।

बैठक में डेयरी पॉलिसी-2022 में बदलाव पर भी सहमति बन सकती है। सरकार इसे नई औद्योगिक नीति और खाद्य प्रसंस्करण नीति के समतुल्य बनाने का निर्णय ले सकती है, जिससे डेयरी उद्योग को और अधिक बढ़ावा मिले।

इसके तहत कन्नौज, गोरखपुर, कानपुर डेयरी प्लांट और अंबेडकर नगर पशु आहार प्लांट को 10 साल की लीज पर नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंपने का निर्णय लिया जा सकता है, जिससे प्रदेश के दुग्ध संघों को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, अगले पांच वर्षों में प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने का संकल्प के साथ सरकार आगे बढ़ेगी, जिससे उत्तर प्रदेश को देश का दुग्ध उत्पादन केंद्र बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।

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