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संदेशखाली मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टीएमसी ने बीजेपी को घेरा, कहा- यौन शोषण के आरोपियों को संरक्षण देने वाले क्यों मना रहे जश्न

After the Supreme Court's decision in the Sandeshkhali case, TMC cornered BJP and said - why are those who protect those accused of sexual exploitation celebrating?

नई दिल्ली, 8 जुलाई । संदेशखाली मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती दी थी।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि सरकार किसी शख्स को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है।

तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता रिजू दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की संदेशखाली मामले में सीबीआई जांच को दी गई चुनौती से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया है। लेकिन, हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि बीजेपी इसका जश्न क्यों मना रही है। यह वही बीजेपी है, जिसने बंगाल की अस्मिता से समझौता किया और इन्होंने यौन शोषण के आरोपों में फंसे बृजभूषण शरण सिंह, प्रज्वल्ल रेवन्ना और अमित मालवीय जैसे लोगों को संरक्षण दिया। लेकिन, बीजेपी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जश्न मना रही है।”

दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण, जमीन हथियाने और राशन घोटाले से जुड़े मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया था। इस मामले को लेकर बीजेपी लगातार राज्य सरकार के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाए हुए है।

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