नई दिल्ली, 2 अक्टूबर। दिल्ली के विज्ञान भवन में गांधी जयंती के मौके पर ‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए काफी संख्या में महिलाएं आई थीं। कार्यक्रम के बाद महिलाओं ने अपने अनुभव आईएएनएस के साथ साझा किए।
डॉ. ममता भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री का संबोधन ‘स्वच्छता ही सेवा’ के अंतर्गत था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि स्वच्छता ही सेवा है और हम सेवा करेंगे तो हम सभी स्वच्छ रहेंगे। हमारा वातावरण अच्छा रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाए गए स्वच्छता अभियान का असर जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है। आज की युवा पीढ़ी स्वच्छता अभियान को लेकर काफी जागरूक है और सभी का सपना है कि हमारा देश स्वच्छ और खुशहाल रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन सुनने के लिए उत्तर प्रदेश के हापुड़ से आईं शहनाज ने कहा, स्वच्छता अब हर जगह देखने को मिल रही है। हमारे गांव में स्वच्छता अभियान की झलक देखने को मिलती है। नदी, नाले और सड़क पर सफाई होती है। सरकार की तरफ से कूड़ा उठाने के लिए दो ट्राली मिली हुई है। घर-घर से कूड़ा लिया जाता है और एक ग्राउंड पर डाल दिया जाता है।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में कहा था, “जिस भारत का सपना गांधी जी और देश की महान विभूतियों ने देखा था, वो सपना हम सब मिलकर पूरा करें, आज का दिन हमें ये प्रेरणा देता है। गंदगी के प्रति नफरत ही हमें स्वच्छता के लिए मजबूर कर सकती है, और मजबूत भी कर सकती है। स्वच्छता की प्रतिष्ठा बढ़ने से देश में एक बहुत बड़ा मनोवैज्ञानिक परिवर्तन भी हुआ है। पहले साफ-सफाई के काम से जुड़े लोगों को किस नजर से देखा जाता था, हम सब जानते हैं। स्वच्छ भारत मिशन ने, इस सोच को भी बदल दिया। साफ-सफाई करने वालों को मान-सम्मान मिला, तो उनको भी गर्व हुआ।”