नई दिल्ली, 2 अक्टूबर । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए, स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ पर सरकार के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने इस पहल के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला, जो स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र को आगे बनाने के लिए विभिन्न समुदायों को संगठित करता है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने अपना परिचय ‘तुलसी भाई’ के रूप में देते हुए कहा, “मैं स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ मनाने में आपकी मदद करने पर गौरवान्वित हूं, यह दर्शाता है कि कैसे मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में परिवर्तनकारी बदलाव ला सकती है।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत की सरकार ने संसाधनों को जुटाकर, लोगों को इकट्ठा करके और इसमें शामिल करके खुले में शौच को समाप्त करने और एक स्वच्छ, स्वस्थ राष्ट्र को बनाने के लिए एक आंदोलन शुरू किया। यह कार्यक्रम स्वच्छता और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने वाला बन रहा है और इससे एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण संभव हो रहा है।
समानता, स्थानीय सहभागिता, जवाबदेही और स्थिरता पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन की सराहना करते हुए टेड्रोस एडनॉम ने कहा कि इसने ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में स्वच्छता को प्राथमिकता दी, स्थानीय नेताओं को संगठित किया और इसकी प्रगति पर नज़र रखने के लिए आंकड़ों का उपयोग किया।
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की पहल से सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर लाभ मिलता है, स्वच्छता में सुधार होता है, तथा डायरिया और कुपोषण जैसी बीमारियों के बोझ को काफी कम किया जा सकता है। यह जीवन की रक्षा के लिए भी जरूरी है। उन्होंने भारतीय समुदायों में दीर्घकालिक कल्याण और सामाजिक-आर्थिक विकास में स्वच्छ भारत पहल के योगदान की भी सराहना की।
वहीं, आयुष्मान भारत योजना पर टिप्पणी करते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, “आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के साथ-साथ यह पहल भारत की विशाल आबादी के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
भारत को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि आपकी उपलब्धि दुनिया के लिए प्रेरणा बने। साल 2014 में पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन अभियान का लक्ष्य भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाना है।