यमुनानगर में शराब की दुकान पर गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह भोरिया ने जिले के शराब ठेकेदारों के साथ बैठक की तथा उन्हें सुरक्षा तथा व्यापार के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने का वादा किया।
ठेकेदारों की मांग पर एसपी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्हें शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाएंगे। बैठक में एसपी ने ठेकेदारों से कहा कि अपराधियों का उद्देश्य आतंक फैलाना है और अपराधियों से डरने की जरूरत नहीं है।
भोरिया ने शराब ठेकेदारों से कहा, “आपको (ठेकेदारों को) उनसे (अपराधियों से) डरना नहीं चाहिए। आपको पुलिस का सहयोग करना चाहिए और उनका नेटवर्क टूट जाएगा। पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए है, इसलिए आपको डर के मारे अपना काम/धंधा छोड़ने की जरूरत नहीं है।”
उन्होंने कहा कि जब तक शराब की दुकानों की नीलामी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
एसपी ने कहा, “आपको किसी अनजान नंबर से आने वाली कॉल नहीं उठानी चाहिए। अगर किसी के पास कॉल आई है और उसने किसी अपराधी/बदमाश से बात की है, तो आपको तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए। आपको उस नंबर को ब्लॉक करवा देना चाहिए।”
उन्होंने शराब ठेकेदारों से अपराधियों के डर से अपना काम-धंधा छोड़ने की बजाय शराब की दुकानों की नीलामी में भाग लेने का आह्वान किया। उपलब्ध जानकारी के अनुसार यमुनानगर जिले में 55 शराब जोन हैं, जिनकी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 31 मई को नीलामी होनी है।
यमुनानगर में गोविंदपुर रोड स्थित शराब की दुकान पर 27 मई को अज्ञात बदमाश ने 12 राउंड फायरिंग की थी। घटना के समय शराब की दुकान पर दो कर्मचारी मौजूद थे और वे बाल-बाल बच गए।
सूत्रों ने बताया कि गोलीबारी की घटना का कारण व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता भी हो सकती है।
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