लंबे इंतज़ार के बाद, हरियाणा के सरकारी स्कूलों को आखिरकार नियमित प्रिंसिपल मिलने वाले हैं। राज्य सरकार ने 221 शिक्षकों को प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नत किया है, जिनमें 218 पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (पीजीटी) और तीन हेडमास्टर शामिल हैं। इससे बिना पूर्णकालिक प्रिंसिपल के चल रहे सैकड़ों स्कूलों को लंबे समय से राहत मिली है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 26 नवंबर को पदोन्नति आदेश जारी किए, जिससे उन स्कूलों में उम्मीद जगी, जहां वरिष्ठ व्याख्याता या प्रभारी अधिकारी महीनों से और कई मामलों में वर्षों से प्रशासनिक और शिक्षण दोनों जिम्मेदारियां संभाल रहे थे।
पदोन्नत शिक्षकों में, रोहतक ज़िले में सबसे ज़्यादा 26 पदोन्नतियाँ हुई हैं, उसके बाद हिसार (19), भिवानी (17), गुरुग्राम (16) और सोनीपत व सिरसा में 12-12 पदोन्नतियाँ हुई हैं। करनाल और जींद में 11-11, चरखी दादरी में 10, पानीपत, कैथल और फतेहाबाद में नौ-नौ पदोन्नतियाँ हुई हैं। झज्जर, पलवल और पंचकूला में आठ-आठ, महेंद्रगढ़, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में सात-सात, फरीदाबाद में पाँच, अंबाला और रेवाड़ी में चार-चार, और नूंह व चंडीगढ़ में एक-एक पदोन्नतियाँ हुई हैं।
विभाग ने पदोन्नत शिक्षकों से उन 349 स्कूलों में नियुक्ति के लिए ऑनलाइन वरीयताएँ माँगी हैं जहाँ अभी नियमित प्रिंसिपल नहीं हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि झज्जर में 40 ऐसे स्कूलों के साथ यह सूची सबसे ऊपर है, उसके बाद रेवाड़ी (32), सोनीपत (29), फरीदाबाद (25), भिवानी (24) और पानीपत (20) का स्थान है। जींद और महेंद्रगढ़ में 19-19, रोहतक में 18, गुरुग्राम में 17, कैथल में 15, पलवल में 14, सिरसा में 13, कुरुक्षेत्र और चरखी दादरी में 12-12, करनाल में 11, हिसार में 10, अंबाला और यमुनानगर में नौ-नौ, जबकि पंचकूला में सिर्फ़ एक स्कूल बिना प्रिंसिपल के है।
अधिकारी ने कहा, “पदोन्नत शिक्षकों को 1 दिसंबर शाम 5 बजे तक अपनी प्राथमिकताएं प्रस्तुत करनी थीं। उम्मीदवारों को अपने व्यक्तिगत विवरण सत्यापित करने होंगे, अपनी कर्मचारी आईडी दर्ज करनी होगी और अपना लॉगिन प्रमाणित करना होगा।”
शिक्षकों ने एमआईएस पोर्टल के माध्यम से अस्थायी स्टेशन के विकल्प प्रस्तुत किए हैं। शिक्षक स्थानांतरण नीति के अंतर्गत सामान्य स्थानांतरण अभियान के माध्यम से बाद में स्थायी पदस्थापना की जाएगी।
शिक्षकों ने इस कदम को स्कूल प्रशासन को मज़बूत करने और शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। पंजाबी अध्यापक एवं भाषा प्रसार सोसाइटी हरियाणा के जिला कोषाध्यक्ष उमीत सिंह ने कहा, “पीजीटी को प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत करने से राज्य भर में शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने में मदद मिलेगी क्योंकि कई स्कूल, जो बिना नियमित प्रधानाचार्यों के चल रहे थे, उन्हें जल्द ही नियमित प्रधानाचार्य मिल जाएँगे।”
लंबे इंतज़ार के बाद प्रिंसिपल पद पर पदोन्नत लेक्चरर डॉ. करनैल सिंह ने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि सरकार ने पदोन्नति की सूची जारी कर दी है। मैं 2023 से अपनी पदोन्नति का इंतज़ार कर रहा था।” उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने अस्थायी नियुक्ति के लिए अपनी प्राथमिकताएँ पहले ही जमा कर दी थीं।


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