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कृषि मंत्री ने मंडी के जाच्छ में 1.73 करोड़ रुपये की उप-सब्जी मंडी का उद्घाटन किया

Agriculture Minister inaugurates Rs 1.73 crore sub-vegetable market at Jachchh in Mandi

हिमाचल प्रदेश में कृषि और बागवानी को बढ़ावा देते हुए कृषि और पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने आज मंडी जिले के नाचन विधानसभा क्षेत्र के जाछ में उप-सब्जी मंडी का उद्घाटन किया। 1.73 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस सुविधा से आस-पास की नौ ग्राम पंचायतों के हजारों किसानों और बागवानों को नजदीकी विपणन सुविधा और उनकी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्ति का लाभ मिलने की उम्मीद है।

नई मंडी में आठ दुकानें, एक नीलामी मंच, किसानों के लिए दो विश्राम कक्ष, एक कैंटीन, एक सराय और स्टाफ क्वार्टर के अलावा अन्य आवश्यक सुविधाएं भी हैं। नौ पंचायतों को लाभ मिलेगा जिनमें जाछ, झुंगी, घरोट, कटाची, चरखड़ी, परेसी, मशोगल, बाधू और बही-सरही शामिल हैं।

मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस पहल से किसानों की दूर की मंडियों पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी, परिवहन लागत में कमी आएगी और स्थानीय बाजारों तक पहुंच के माध्यम से बेहतर मुनाफा सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा, “यह उप-बाजार यार्ड टिकाऊ कृषि के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला और कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू के नेतृत्व में सरकार ने पिछले दो वर्षों में कई किसान हितैषी कदम उठाए हैं। इनमें दूध के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा शामिल है, जिसके तहत गाय का दूध अब 51 रुपये प्रति लीटर (31 रुपये से ऊपर) और भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर पर खरीदा जाएगा।

उन्होंने महिलाओं के नेतृत्व वाली डेयरी सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए प्रस्तावित नीतिगत बदलाव की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, “हम सहकारी पंजीकरण नीति में संशोधन करने पर विचार कर रहे हैं ताकि एसडीएम (सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट) महिला डेयरी सहकारी समितियों के पंजीकरण को मंजूरी दे सकें, प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके और अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके।”

चंद्र कुमार ने हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक रूप से उगाए जाने वाले मक्का और गेहूं की बढ़ती मांग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसानों को देश में सबसे अधिक बाजार मूल्य मिल रहे हैं। गेहूं और मक्का के लिए एमएसपी क्रमशः 60 रुपये और 40 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया गया है। अकेले मंडी जिले में 65 मीट्रिक टन मक्का और 30 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है।

जिले के 44,000 से ज़्यादा किसानों ने 8,000 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती के तरीकों को अपनाया है, जो टिकाऊ खेती के लिए सरकार के प्रयासों की सफलता का प्रमाण है। मंत्री ने कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपये प्रति किलो के तय एमएसपी और इसके औषधीय महत्व के कारण कॉस्मेटिक उद्योग में इसके इस्तेमाल को एकीकृत करने के लिए चल रहे प्रयासों का भी ज़िक्र किया।

भविष्य की बात करते हुए उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार का उद्देश्य सभी मंडियों का डिजिटलीकरण करना तथा किसानों की पहुंच और आय बढ़ाने के लिए उन्हें वैश्विक बाजारों से जोड़ना है। इस अवसर पर चंद्र कुमार ने जाच्छ उप-मंडी में किसान विश्राम गृह के लिए अतिरिक्त कमरों के निर्माण की भी घोषणा की।

मंत्री ने मंडी के लिए भूमि दान करने वाले स्थानीय निवासी रामकी देवी और उनके पुत्र चमन लाल को सम्मानित किया तथा सामुदायिक विकास में उनके योगदान की सराहना की। इस अवसर पर उनके साथ एपीएमसी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, नाचन के विधायक विनोद कुमार, पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर व अन्य स्थानीय नेता भी मौजूद थे।

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