ई-केवाईसी प्रक्रिया हर गुजरते दिन के साथ गति पकड़ रही है और अब तक 1,27,84000 (1.27 करोड़) लाभार्थियों के संबंध में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस मामले में मानसा, श्री फतेहगढ़ साहिब और पटियाला जिले क्रमशः शीर्ष तीन स्थानों पर हैं।
आज यहां अनाज भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक को विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने ई-केवाईसी प्रक्रिया से संबंधित नवीनतम स्थिति से अवगत कराया।
उल्लेखनीय है कि ई-केवाईसी लाभार्थी की पहचान और पते को सत्यापित करने की एक डिजिटल विधि है, जिसमें मुख्य रूप से आधार कार्ड नंबर और प्रमाणीकरण के लिए बायोमेट्रिक्स का उपयोग किया जाता है। पात्र लाभार्थियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत दो श्रेणियों में गेहूँ वितरित किया जाता है।
अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत, प्रति परिवार और प्रति माह के आधार पर 35 किलोग्राम गेहूं दिया जाता है, जबकि प्राथमिकता वाले घरों (पीएचएच) श्रेणी के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह के आधार पर 5 किलोग्राम गेहूं मुफ्त प्रदान किया जाता है।
आगामी धान खरीद सीजन 2025-26 की तैयारियों के संबंध में तिरपालों की स्थिति के बारे में, मंत्री के ध्यान में लाया गया कि तिरपालों की खरीद के लिए नोडल एजेंसी, पनग्रेन ने सभी राज्य खरीद एजेंसियों की ओर से 47,500 एलडीपीई पॉलीथीन तिरपालों की खरीद के लिए ई-टेंडर जारी किया है। इसके अलावा, विभाग के पास पिछले वर्ष के 95,000 तिरपाल पहले से ही मौजूद हैं।
मंत्री ने भारत सरकार द्वारा आवंटित 46 एलएमटी कवर्ड गोदामों के निर्माण की प्रगति की भी समीक्षा की।
उन्होंने विभाग को निर्देश दिया कि वे बोली लगाने वाले को 3.75 लाख मीट्रिक टन के कवर्ड गोदामों का निर्माण पूरा करने के लिए प्रेरित करें, जिसके लिए पहले ही लेटर ऑफ अवार्ड जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने 9.55 लाख मीट्रिक टन क्षमता के कवर्ड गोदामों के निर्माण की औपचारिकताएं भी शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा, उन्होंने विभाग को शेष 32.70 लाख मीट्रिक टन क्षमता के कवर्ड गोदामों की निविदा प्रक्रिया पूरी करने के भी निर्देश दिए, ताकि आगामी धान खरीद सीजन 2025-26 के दौरान चावल के भंडारण के लिए अधिकतम स्थान उपलब्ध हो सके।
इस अवसर पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के प्रमुख सचिव राहुल तिवारी, निदेशक वरिंदर कुमार शर्मा, अतिरिक्त सचिव पनग्रेन कमल कुमार गर्ग और अतिरिक्त निदेशक डॉ. अंजुमन भास्कर के अलावा जीएम (वित्त) सर्वेश कुमार शर्मा भी उपस्थित थे।