प्रधानमंत्री के आज कांगड़ा दौरे से पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि वह न केवल हिमाचल के लोगों का दर्द नरेंद्र मोदी के समक्ष रखेंगे, बल्कि पर्वतीय राज्यों में सतत विकास के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने का अनुरोध भी करेंगे ताकि पहाड़ों को टूटने से बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने आज कांगड़ा के गग्गल हवाई अड्डे पर मोदी के आगमन से कुछ घंटे पहले, एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि हिमाचल के लोग प्रधानमंत्री का हिमाचल दौरे पर स्वागत करते हैं, ऐसे समय में जब राज्य ने मानसून के दौरान अभूतपूर्व तबाही देखी है। उन्होंने लिखा, “खूबसूरत हिमाचल आज अपनों को खोने, गाँवों के मलबे में दबने और सड़कों व बिजली आपूर्ति को हुए भारी नुकसान का दर्द झेल रहा है। हिमाचल ने 2023 से ही बहुत दर्द झेला है।”
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री के समक्ष एक बेहद महत्वपूर्ण प्रश्न उठाएँगे कि क्या पहाड़ी राज्यों में अपनाया जा रहा विकास मॉडल टिकाऊ है। सुक्खू ने लिखा, “बड़ा सवाल यह है कि हम पहाड़ों को जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से कैसे बचा सकते हैं। हमें एक ऐसे टिकाऊ विकास मॉडल की आवश्यकता है जो राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा कर सके और पहाड़ों को सुरक्षित और संरक्षित रख सके।”
सुक्खू ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से आग्रह करेंगे कि पहाड़ी राज्यों में सतत विकास की रणनीति बनाने पर बिना किसी देरी के बातचीत शुरू करें। उन्होंने लिखा, “बात सिर्फ़ उन लोगों के पुनर्वास की नहीं है जिनके घर बारिश में तबाह हो गए हैं, बल्कि पहाड़ों को भी तबाह होने से बचाने की है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से वन संरक्षण अधिनियम में छूट देने का भी आग्रह करेंगे, ताकि उन लोगों को वन भूमि प्रदान की जा सके, जो बाढ़ और बादल फटने के कारण भूमिहीन हो गए हैं।