May 14, 2025
Haryana

एआई कोई खतरा नहीं, बल्कि कौशल बढ़ाने का साधन है: जीजस्ट सम्मेलन में विशेषज्ञ

AI is not a threat but a tool to enhance skills: Experts at Zeist conference

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयूएसटी), हिसार ने आज यहां चौधरी रणबीर सिंह ऑडिटोरियम में स्टेज-2025 (स्थायित्व, प्रौद्योगिकी और नवाचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और विश्लेषण, हरित पद्धतियां तथा उद्यमिता और प्रबंधन) नामक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।

वाणिज्य विभाग द्वारा इंडो-गल्फ मैनेजमेंट एसोसिएशन, दुबई और जेआईएमएस, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में भारत और विदेश के विशेषज्ञ, विद्वान और पेशेवर एकत्रित हुए।

आईसीएआई, नई दिल्ली के अध्यक्ष चरणजोत सिंह मुख्य अतिथि थे और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता कोई खतरा नहीं बल्कि एक ऐसा उपकरण है जो मानव कौशल को बढ़ाएगा। उन्होंने गैर-वित्तीय रिपोर्टिंग के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला और छात्रों से प्रासंगिक बने रहने के लिए अपने कौशल को उन्नत करने का आग्रह किया।

कुलपति प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और सम्मेलन के विषय को समयानुकूल तथा 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के भारत के दृष्टिकोण के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने शिक्षा का उपयोग न केवल रोजगार के लिए बल्कि सामाजिक परिवर्तन और वैश्विक बेहतरी के लिए करने पर जोर दिया।

इंडो-गल्फ मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मोहन लाल अग्रवाल ने दुबई से ऑनलाइन अपना मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने तकनीकी विकास के साथ मानवीय मूल्यों के एकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने स्थिरता, जिम्मेदार संसाधन उपयोग और मानव कल्याण पर केंद्रित “सुपर-स्मार्ट” समाज के निर्माण के महत्व को रेखांकित किया।

हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन प्रोफेसर करम पाल नरवाल ने विश्वविद्यालय को स्थिरता के मामले में अग्रणी बताया और प्रकृति के साथ सामंजस्य को प्रोत्साहित करने वाली एक कविता सुनाई। सम्मेलन की संयोजक डॉ निधि तुरान ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और विश्वास व्यक्त किया कि इस आयोजन से मूल्यवान परिणाम प्राप्त होंगे।

इस कार्यक्रम में 35 चयनित शोध पत्रों की पुस्तक का विमोचन किया गया तथा पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि भी दी गई। आईसीएआई पर एक वृत्तचित्र भी दिखाया गया। सम्मेलन में 14 तकनीकी सत्र शामिल हैं तथा इसमें दुनिया भर से 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया है।

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