ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने देशभर के बिजली क्षेत्र के इंजीनियरों को पुरानी पेंशन योजना प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्रियों और पंजाब और हरियाणा सहित राज्य के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है।
शैलेन्द्र दुबे अध्यक्ष एआईपीईएफ लिखते हैं कि राज्य विद्युत बोर्डों के निगमीकरण के बाद विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में विद्युत क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को अचानक एकतरफा तरीके से समाप्त कर दिया गया।
उन्होंने कहा, “यह भी कहा जा सकता है कि विद्युत अधिनियम 2003 या स्थानांतरण योजना में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि निगमीकरण के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं दी जाएगी। दुर्भाग्य से आज विभिन्न राज्यों में विद्युत क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए कोई समान नीति नहीं है।”
शैलेन्द्र दुबे ने कहा, “जब एनपीएस के तहत काम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर सम्मानजनक आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी, तो बिजली क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए भी सेवानिवृत्ति पर सम्मानजनक आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सार्थक कदम उठाए जाने चाहिए।”
एआईपीईएफ ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया है कि विभिन्न प्रांतों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यरत बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय लिया जाए।
एआईपीईएफ ने कहा, “पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की तुलना में घोषित एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में कई विसंगतियां हैं। बिजली क्षेत्र में एकरूपता के लिए केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विभिन्न बिजली उपयोगिताओं में काम करने वाले बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए राज्यों को निर्देश दे सकती है।”