January 23, 2025
National

अजय माकन ने केजरीवाल पर निशाना साधा, ‘आप’ सरकार पर लगाया 382 करोड़ के घोटाले का आरोप

Ajay Maken targets Kejriwal, accuses AAP government of Rs 382 crore scam

कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन ने बुधवार को दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के ‘स्वास्थ्य मॉडल’ पर गंभीर आरोप लगाए। साथ ही कांग्रेस नेता ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आप सरकार के तहत कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं सबके सामने ‘आप के पाप’ की पहली कड़ी रखना चाहता हूं। दिल्ली में एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपनी पार्टी इसलिए बनाई थी, ताकि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ सकें। उस जमाने में केजरीवाल सीएजी रिपोर्ट के आधार पर ही कांग्रेस पर आरोप लगाते थे। इस समय सीएजी की 14 ऐसी रिपोर्ट हैं, जिसमें केजरीवाल सरकार के ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, लेकिन अब वो रिपोर्ट सामने नहीं आ रहीं। ऐसे में हम अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहते हैं कि इस रिपोर्ट में हेल्थ से जुड़े मामले में 382 करोड़ का घोटाला कैसे है?

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि सीएजी रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली में पिछले 10 साल में केवल तीन अस्पताल बनकर तैयार हुए। इनमें एक का एक्सटेंशन है और इनकी शुरुआत कांग्रेस के समय हुई थी। लेकिन इन हॉस्पिटल को बनने में समय तो ज्यादा लगा ही, बल्कि जितने का टेंडर था, उससे ज्यादा पैसा खर्च हुए।

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी अस्पताल बनाने में 314 करोड़ रुपये, बुराड़ी हॉस्पिटल बनाने में 41 करोड़ रुपये और मौलाना आजाद हॉस्पिटल बनाने में 26 करोड़ रुपये फालतू में खर्च किए गए। सीएजी की रिपोर्ट कहती है कि 2007-15 के बीच 15 प्लॉट दिल्ली सरकार ने एक्वायर किए, लेकिन कहीं भी काम शुरू नहीं हुआ। 2016-17 से लेकर 2021-22 तक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में जितने पैसे मिले, उनमें से 2,623 करोड़ रुपए खर्च ही नहीं हो पाया, जो बाद में लैप्स हो गए। कोरोना के दौरान अरविंद केजरीवाल को केंद्र सरकार से 635 करोड़ रुपये मिले, उनमें से ये 360 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाए, जबकि उस समय दिल्ली में लोग ऑक्सीजन और बेड के लिए तरस रहे थे। आप ने चार अलग-अलग बजट में कहा कि हम दिल्ली में 32 हजार बेड के अस्पताल बनाएंगे, लेकिन सिर्फ 1,235 बेड के अस्पताल बनाए। इन्हीं आंकड़ों के चलते केजरीवाल नहीं चाहते हैं कि सीएजी की रिपोर्ट दिल्ली की जनता के सामने आए।

अजय माकन ने आगे कहा कि दिल्ली में बेरोजगारी है, लेकिन यहां हेल्थ सेक्टर में 8,194 पद खाली हैं। डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में 3,268; डीजीएचएस में 1532; स्टेट हेल्थ मिशन में 1036; ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट में 75; एमएएमसी में 503; लोकनायक अस्पताल में 581; राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी में 580; जनकपुरी में 298 और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में 322 पद खाली हैं। यहां 21 प्रतिशत नर्सिंग स्टाफ, 30 प्रतिशत पैरामेडिकल स्टाफ और 30 प्रतिशत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है। केजरीवाल ने दिल्ली को ऐसा चिकित्सा मॉडल दिया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का हाल ये है कि यहां 6 मॉड्यूलर , सेमी मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, स्टोन सेंटर, ट्रांसप्लांट आईसीयू, 77 प्राइवेट-स्पेशल रूम, 16 आईसीयू बेड, 154 जनरल बेड ऑपरेशनल नहीं हैं। रेजिडेंट डॉक्टर फंक्शनल नहीं हैं। जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में 7 ऑपरेशन थिएटर, किचन, ब्लड बैंक, इमरजेंसी, मेडिकल गैस पाइपलाइन, 10 सीसीयू बेड, 200 जनरल बेड काम ही नहीं कर रहे। यहां बेड ऑक्यूपेंसी रेट 20-40 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय बच्चों का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां बच्चों की सर्जरी का वेटिंग टाइम 12 महीने का है। यहां के ऑपरेशन थिएटर में 10 जरूरी उपकरण काम ही नहीं करते हैं। चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में प्रति दिन एक्स-रे की क्षमता 330 है, जबकि केवल 109 एक्स-रे हो रहे। अल्ट्रासाउंड की क्षमता 35 की है, जबकि 7 हो रहे हैं। सिटी-स्कैन की क्षमता 12 है, लेकिन सिर्फ 3 हो रहे। ऐसा ही हाल दिल्ली के सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों का है।

दिल्ली के कई अस्पतालों में आईसीयू, ब्लड बैंक, ऑक्सीजन, एंबुलेंस, मॉर्चरी सर्विस नहीं है। कैट एंबुलेंस में जरूरी उपकरण, जैसे- कार्डिएक मॉनिटर, ट्रांसपोर्ट वेंटीलेटर, ग्लूकोमीटर, व्हीलचेयर, बीपी ऑपरेटर, स्टेथोस्कोप, पोर्टेबल ऑक्सीजन, डिलीवरी किट नहीं हैं। ये अरविंद केजरीवाल का हेल्थ मॉडल है, जिसे सीएजी ने उजागर किया है।

Leave feedback about this

  • Service