अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने घटना पर दुख जताते हुए मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अकाल पुरख के समक्ष प्रार्थना की और दिवंगत आत्माओं की शांति तथा शोकाकुल परिवारों को उनकी इच्छा स्वीकार करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
उन्होंने यह भी प्रार्थना की कि इस तरह के अमानवीय कृत्य विश्व में कहीं भी न हों तथा देश और विश्व में शांति और सद्भाव कायम रहे।
जत्थेदार गर्गज ने कहा कि पहलगाम त्रासदी ने उन्हें बहुत दुख पहुंचाया है और यह उन्हें कश्मीर के चित्तीसिंहपुरा में मार्च 2000 में हुए नरसंहार की याद दिलाती है, जिसमें 35 सिख मारे गए थे, लेकिन सच्चाई “अभी तक सामने नहीं आई है”।
उन्होंने पहलगाम घटना में न्याय की आवश्यकता पर बल दिया और अधिकारियों से चिट्टीसिंहपुरा हत्याकांड के पीछे की सच्चाई को उजागर करने का आग्रह किया, ताकि प्रभावित परिवारों को अंततः न्याय मिल सके।
समान विचार व्यक्त करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि इस अमानवीय और क्रूर कृत्य ने समाज के मूल्यों को गहरी ठेस पहुंचाई है।
उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक और मानवीय शिक्षाएं ऐसी हिंसा को बढ़ावा नहीं देतीं, बल्कि सभी को एकता, भाईचारे और सद्भाव की ओर ले जाती हैं।
पीड़ित परिवारों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हुए, एसजीपीसी अध्यक्ष ने कर्ता पुरख से प्रार्थना की तथा दिवंगत आत्माओं की शांति तथा शोक संतप्त परिवारों को इस दुखद क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।