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यूपी की सीमाओं से परे भी है अखिलेश यादव की नजर, सपा के विस्तार का तैयार कर रहे खाका

Akhilesh Yadav is looking beyond the borders of UP and is preparing a blueprint for the expansion of the SP.

उत्तर प्रदेश की राजनीति में मजबूती के साथ खड़ी समाजवादी पार्टी अब दूसरे राज्यों की तरफ भी निगाहें गड़ाए हुए है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इसके लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।

उन्होंने बिहार चुनाव में जमकर मोर्चा संभाला, यहां पर इंडी गठबंधन को मजबूती देने के साथ अपनी पार्टी की जड़ों को भी मजबूत करने का प्रयास करते नजर आए। इसके बाद उन्होंने उड़ीसा के उपचुनाव में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कर पार्टी को बल प्रदान करने की कोशिशें जारी रखी।

राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि लोकसभा में सीटों के हिसाब से सपा देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी तो बन ही गई है, लेकिन इसके साथ वोट प्रतिशत के लिहाज से भाजपा और कांग्रेस के बाद यह देश भर में सबसे ज्यादा वोट प्राप्त करने में कामयाब रही है।

इस कामयाबी के बाद भी सपा, राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने की मंजिल से दूर है। लोकसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) का कद बढ़ने के बाद उत्तर प्रदेश (यूपी) के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पार्टी के फैलाव की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। इसी वजह से यूपी चुनाव के बाद जितने भी राज्यों में चुनाव हुए वहां पर सपा ने या तो भाग लिया है या फिर अखिलेश चुनाव प्रचार के लिए खुद गए हैं। वह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में प्रचार करने पहुंचे हैं।

हरियाणा में गठबंधन की तस्वीर साफ न होने के कारण हिस्सेदारी नहीं की है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक सिद्धार्थ कलहंस का कहना है कि मुलायम सिंह के जमाने में जब सपा का गठन हुआ था, तभी से वह इसको राष्ट्रीय फलक पर स्थापित करना चाहते थे। इसी कारण उन्होंने अलग-अलग राज्यों में लोहिया और जेपी के आंदोलन से जुड़े लोगों को जोड़ने की कोशिश की, फिर चाहे मध्य प्रदेश में रघु ठाकुर हों या गुजरात में बद्री विशाल पिट्टी हों। उड़ीसा में भक्त चरण दास भी पार्टी से जुड़े, लेकिन बाद में वह कांग्रेस में चले गए।

हालांकि पार्टी का ज्यादा फोकस यूपी में रहा है। 2024 के चुनाव में लोकसभा में उम्मीद से ज्यादा सीटें मिलने के बाद अखिलेश यादव भी पार्टी का राष्ट्रीय विस्तार कर रहे हैं। वह अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतार रहे हैं। पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिले और इंडी गठबंधन में अपनी भूमिका को प्रभावी बना सके, इसके लिए वह लगातार प्रयासरत नजर आ रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अब दूसरे राज्य की सीमाओं में भी अपनी नजरें जमाए हैं। उन्होंने पार्टी के संगठनात्मक विस्तार को लेकर अन्य राज्यों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।

ओडिशा, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड में बीते दिनों उन्होंने यह संकेत दिया है कि सपा अब सिर्फ यूपी तक सीमित दल नहीं रहना चाहती। उन्होंने बताया कि ओडिशा के नौपाड़ा विधानसभा उपचुनाव में अखिलेश यादव ने जब सपा प्रत्याशी के समर्थन में रैली की तो उसमें जन समर्थन भी देखने को मिला।

अखिलेश यादव की रणनीति अब दोहरे मोर्चे पर चल रही है: एक ओर उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ मजबूत गठजोड़ की तैयारी, तो दूसरी ओर वह देशभर में समाजवादी विचारधारा के जरिए पार्टी के विस्तार में लगे हैं।

सपा के प्रदेश प्रवक्ता अशोक यादव का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की मंशा है कि सपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिले। हम देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं, लेकिन चुनाव आयोग के नियमों के तहत हम अभी तक राज्यस्तरीय पार्टी ही हैं। इसी कारण चुनाव आयोग के नियम के अनुसार हम अपना वोट बैंक बढ़ाने में लगे हैं। इसी कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। चाहे मध्य प्रदेश हो, जम्मू कश्मीर हो या फिर उड़ीसा, सभी जगह कवायद जारी है। वहां के लोगों को हमारी नीतियां भी पसंद आ रही हैं।

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