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अखिलेश यादव ने भाजपा पर साधा निशाना, आरक्षण और प्रशासनिक विफलता पर उठाए सवाल

Akhilesh Yadav targets BJP, raises questions on reservation and administrative failure

लखनऊ, 5 अगस्त । लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जनेश्वर मिश्र की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता मौजूद थे। कार्यक्रम के बाद अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत की और भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला।

अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजूल शब्द के अर्थ को लेकर समझ पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “हमारे मुख्यमंत्री जी कितने समझदार हैं, उन्हें यह पता लगा कि नजूल उर्दू शब्द है, यह मुसलमानों से संबंधित होगा। अधिकारी उन्हें समझाते रहे कि नजूल का मतलब कुछ और है, लेकिन उन्होंने कहा कि नजूल मतलब यह जमीन मुसलमानों की है। सोचिए वो उर्दू के शब्द नजूल को लेकर पूरा प्रयागराज खाली करवा रहे थे, गोरखपुर में अपने और अपने सहयोगियों के स्वार्थ को लेकर वह शहर खाली करवा रहे थे।”

इसके अलावा, अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर एंग्लो इंडियन समुदाय की एकमात्र सीट को फर्जी जनगणना के माध्यम से छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “पहले लोकसभा और विधानसभा में एंग्लो इंडियन की एक सीट हुआ करती थी। उन्होंने फर्जी जनगणना कराकर एंग्लो इंडियंस की एक सीट भी छीन ली। अब यह सुनने में आ रहा है कि एक मंत्री जी चिल्ला रही हैं कि आरक्षण खत्म हो गया है। ये लोग सरकार में भी रहेंगे और आरक्षण की भी बात करेंगे। पिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक भाई-बहन जिन्हें आरक्षण की चिंता है, वह तुरंत बीजेपी को छोड़ दें।”

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव से पहले षड्यंत्र कर रही है और समाजवादियों को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “बीजेपी का लक्ष्य पहले से रहा है कि समाजवादियों को कैसे बदनाम किया जाए, खासकर मुसलमानों को लेकर बीजेपी की जो सोच है वह डेमोक्रेटिक नहीं है, अनकंस्टीट्यूशनल है। जो संविधान पर भरोसा नहीं करता, वह योगी नहीं हो सकता।”

अखिलेश यादव ने तीन घटनाओं का जिक्र किया, जिसमें हाथरस साधु संत प्रोग्राम में प्रशासनिक विफलता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हाथरस साधु संत के प्रोग्राम के लिए भाजपा के नेताओं ने पत्र लिखा था लेकिन जो प्रशासन को इंतजाम करना चाहिए था कोई इंतजाम नहीं हुआ। जिसका परिणाम ये हुआ की बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई।”

दूसरी घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गोमती नगर की घटना में पुलिस ने केवल यादव और मुस्लिम का नाम क्यों लिया। उन्होंने कहा, “सच्चाई पुलिस भी जानती है कि जिस यादव लड़के का नाम दिया गया वो चाय पीने गया था, पुलिस को यादव मिल गया इसलिए उसे जेल भेज दिया। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो वर्दी पहनकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बन कर काम कर रहे हैं।”

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि अगर सपा डीएनए टेस्ट की मांग कर रही है, तो इसे ध्यान में लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “कैसे मुख्यमंत्री हैं, इन्हें किसने राय दी, यह संशोधित कानून किसने बनाया। 2023 का संशोधित कानून इन्होंने ही बनाया, अगर 7 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है तो डीएनए टेस्ट होना चाहिए। पुलिस बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है।”

अखिलेश यादव के इन बयानों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, और इस बयानबाजी से सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के बीच टकराव और बढ़ सकता है।

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