N1Live National रघुबर दास की भाजपा में ‘नई भूमिका’ पर टिकी सबकी निगाहें, बाबूलाल मरांडी बोले – ‘यह सामान्य बात’
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रघुबर दास की भाजपा में ‘नई भूमिका’ पर टिकी सबकी निगाहें, बाबूलाल मरांडी बोले – ‘यह सामान्य बात’

All eyes fixed on Raghubar Das's 'new role' in BJP, Babulal Marandi said - 'This is a normal thing'

रांची, 25 दिसंबर । ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देने वाले रघुबर दास का एक बार फिर से राजनीति की पिच पर लौटना तय है। खबर है कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की सहमति के बाद ही उन्होंने राज्यपाल का पद छोड़ा है। अब पार्टी उनके लिए कौन सी भूमिका तय करेगी, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं। झारखंड के सियासी हलके में भी उनकी ‘नई भूमिका’ को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

हाल में झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। इसके बाद से ही पार्टी के भीतर राज्य में सशक्त नेतृत्व के विकल्पों पर मंथन चल रहा है। कयास लगाया जा रहा है कि प्रदेश नेतृत्व संभालने के लिए रघुबर दास को एक बार फिर से आगे किया जा सकता है। वह पहले भी दो बार झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी वह संगठन में सक्रिय रहे हैं। उनकी पहचान राज्य में पार्टी के सबसे बड़े ओबीसी लीडर के तौर पर रही है।

रघुबर दास राज्य में चल रहे विधानसभा चुनाव के दौरान ही राज्यपाल पद छोड़कर झारखंड लौटना चाहते थे। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात पर अपनी इच्छा का इजहार किया था। हालांकि तत्कालीन परिस्थितियों में पार्टी नेतृत्व ने उन्हें पद पर बने रहने को कहा था।

अब राजनीति में नई पारी के लिए रघुबर दास ‘पैड अप’ हो रहे हैं, तो उनकी नई भूमिका को लेकर एक चर्चा यह भी है कि पार्टी उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में बड़ा दायित्व दे सकती है। भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और उनकी जगह नए चेहरे को लेकर भी पार्टी के भीतर मंथन का सिलसिला चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि इस पद के लिए रघुबर दास के भी नाम पर विचार हो सकता है।

इस बीच, रघुबर दास के राज्यपाल पद से इस्तीफे और उनकी नई संभावित भूमिका के बारे में पत्रकारों ने बुधवार को झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से पूछा तो उन्होंने कहा, “यह अच्छी बात है। इसे सामान्य तौर पर लिया जाना चाहिए। ऐसा होता रहता है।”

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