पंजाब में पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरुवार को घोषणा की कि राज्य भर के सरकारी स्कूलों में पंजाबी अध्यापकों के सभी खाली पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
आज यहां शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबी भाषा को बढ़ावा देना समय की मांग है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट सेवा के लिए 77 शिक्षकों को सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने विद्यार्थियों से पंजाबी में बोलने और लिखने का आह्वान किया ताकि वे अपनी गौरवशाली विरासत से जुड़े रहें।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही महत्वपूर्ण पहल की है और आने वाले दिनों में कैंपस मैनेजर, सेनेटरी वर्कर, चौकीदार और अन्य पदों सहित बड़ी संख्या में पदों को भरा जाएगा। उन्होंने सरकारी शिक्षा प्रणाली में की गई कई पहलों को भी याद किया और कहा कि पंजाब में पहली बार राज्य भर के सरकारी स्कूलों में एक मेगा पैरेंट-टीचर मीटिंग आयोजित की गई जिसमें 20 लाख अभिभावकों ने हिस्सा लिया।
मान ने कहा कि एक शिक्षक का बेटा होने के नाते वह शिक्षकों की समस्याओं को अच्छी तरह से जानते हैं और उनका समाधान करना उनका कर्तव्य है। मान ने कहा कि शिक्षकों द्वारा निभाई गई प्रमुख भूमिका के कारण उन्हें ‘राष्ट्र के निर्माता’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वे पंजाब को देश में अग्रणी राज्य बनाने के लिए मिशनरी उत्साह के साथ छात्रों का मार्गदर्शन करना जारी रखेंगे।