N1Live Punjab फंड की कमी से जूझ रहे पंजाब ने 3 रुपए प्रति यूनिट बिजली सब्सिडी खत्म की, ईंधन पर वैट बढ़ाया
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फंड की कमी से जूझ रहे पंजाब ने 3 रुपए प्रति यूनिट बिजली सब्सिडी खत्म की, ईंधन पर वैट बढ़ाया

नकदी संकट से जूझ रही पंजाब सरकार ने आज अपनी राजस्व प्राप्तियों को बढ़ाने के लिए बिजली पर सब्सिडी वापस लेकर तथा ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) बढ़ाकर उपभोक्ताओं को दोहरा झटका दिया।

मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई आप कैबिनेट की बैठक में 7 किलोवाट तक लोड वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली पर 3 रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी (जिसमें सरचार्ज और बिजली शुल्क शामिल है) वापस लेने का फैसला किया गया। इसने पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ा दिया, जिससे अब इनकी कीमत क्रमशः 0.61 रुपये और 0.92 रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएगी।

यह तब हुआ जब सरकार ने इस महीने अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान चार से पांच दिन की देरी से किया क्योंकि उसे अपने कर्ज को चुकाने के लिए धन का इस्तेमाल करना पड़ा। पिछली चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा घोषित बिजली सब्सिडी को वापस लेने से राज्य को हर साल 1,800 करोड़ रुपये से 2,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बचत होगी।

करीब 11 लाख उपभोक्ताओं को आप सरकार द्वारा घोषित मासिक 300 यूनिट मुफ्त बिजली के अलावा यह सब्सिडी मिल रही थी। अब उन्हें 1,000 यूनिट बिजली खपत करने पर 3,000 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।

राज्य में कुल 78 लाख घरेलू कनेक्शनों में से करीब 75 लाख का लोड 7 किलोवाट तक था। इनमें से 85 फीसदी (64 लाख) को 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलने की वजह से ‘शून्य’ बिल मिल रहा था, जबकि करीब 11 लाख घरेलू उपभोक्ता ऐसे थे जिनकी खपत एक बिलिंग चक्र में 600 यूनिट से अधिक थी।

वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने स्पष्ट किया कि मंत्रिमंडल ने दोहरी सब्सिडी खत्म कर दी है और सभी घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। विशेषज्ञों ने कहा कि इससे न केवल बिजली संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उपभोक्ता सौर ऊर्जा उत्पादन की ओर भी बढ़ेंगे। सब्सिडी वापस लेने की अधिसूचना देर शाम जारी की गई।

ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से राज्य को सालाना आधार कर की दर 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये करने में मदद मिलेगी। पहले डीजल पर वैट 10.02 रुपये प्रति लीटर था, जिसे बढ़ाकर 10.94 रुपये कर दिया गया था, जबकि पेट्रोल पर वैट 14.32 रुपये से बढ़कर 14.93 रुपये प्रति लीटर हो गया था। पिछले साल जून के बाद से आप सरकार द्वारा यह दूसरी बढ़ोतरी है।

पेट्रोलियम डीलरों ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि इससे पंजाब में ईंधन पड़ोसी राज्यों और चंडीगढ़ की तुलना में सबसे महंगा हो जाएगा, जिससे बिक्री वहीं चली जाएगी।

मंत्रिमंडल की बैठक बुलाने का नोटिस कल देर शाम जारी किया गया, लेकिन इसमें एजेंडा का उल्लेख नहीं किया गया।

पिछले एक महीने में आप सरकार ने संपत्ति पंजीकरण के लिए सर्किल रेट बढ़ा दिया है तथा दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर मोटर वाहन कर बढ़ा दिया है।

राज्य को हर महीने वेतन और पेंशन बिल के रूप में करीब 4,500 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ता है। इस वित्त वर्ष के लिए सरकार ने वेतन और पेंशन के भुगतान के लिए 54,967.74 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान लगाया है। यह 2024-25 के लिए अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 52.88 प्रतिशत है।

चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में सरकार ने 13,094.34 करोड़ रुपये उधार लिए हैं और इसका लगभग आधा हिस्सा – 64,56.77 करोड़ रुपये – ऋण पर ब्याज का भुगतान करने में जा रहा है। कल, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ने 2022-23 – AAP सरकार के पहले वर्ष – के लिए अपनी रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला था कि राज्य में राजकोषीय तनाव कैसे बढ़ रहा है।

मंत्रिमंडल ने कृषि नीति के मसौदे पर भी चर्चा की, खास तौर पर राज्य में तेजी से घटते भूजल स्तर के मद्देनजर। मंत्रिमंडल ने छात्रों के कौशल विकास के लिए नई शिक्षा नीति लाने और वैट डिफॉल्टरों के लिए ‘एकमुश्त निपटान योजना’ का विस्तार करने का फैसला किया।

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