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इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस यशवंत वर्मा के मुद्दे पर जारी हड़ताल स्थगित की

Allahabad High Court Bar Association suspended the strike on the issue of Justice Yashwant Verma

प्रयागराज, 30 मार्च । इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (एचबीए) ने पांच दिन से जारी हड़ताल को स्थगित करने का फैसला किया है। एसोसिएशन की कार्यकारिणी बैठक के दौरान शनिवार को यह निर्णय लिया गया। बैठक में एसोसिएशन के पूर्व पदाधिकारी भी मौजूद थे।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि भले ही हड़ताल स्थगित की गई है, लेकिन न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। एसोसिएशन ने यह भी फैसला किया कि वह जस्टिस यशवंत वर्मा के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करेगा।

न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 26 और 27 अप्रैल को प्रयागराज में एक नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी। इस कॉन्फ्रेंस का विषय “ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड ट्रांसपेरेंसी इन ज्यूडिशियल सिस्टम” होगा। इसमें देशभर के हाई कोर्ट बार एसोसिएशनों के अध्यक्ष, महासचिव और प्रतिष्ठित कानून विशेषज्ञ शामिल होंगे।

बार एसोसिएशन ने यह भी स्पष्ट किया कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट आने के बाद फिर से बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी कि न्यायपालिका में सुधार की दिशा में अगला कदम क्या होगा।

इलाहाबाद एचबीए के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा, “हमारी लड़ाई न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए है। हड़ताल भले ही स्थगित कर दी गई हो, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा।”

इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव ने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद बार एसोसिएशन अपनी अगली रणनीति तय करेगा।”

इससे पहले, जस्टिस यशवंत वर्मा के इलाहाबाद हाई कोर्ट में तबादले के विरोध में इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया था।

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कथित तौर पर नोटों की अधजली गड्डियां मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उनका तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट करने की सिफारिश की थी। सरकार ने शुक्रवार को इस सिफारिश पर अपनी मुहर लगा दी थी।

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