June 7, 2025
National

पुलिस हिरासत में नाबालिग की पिटाई का आरोप, झारखंड हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, राज्य सरकार से मांगा जवाब

Allegations of beating of a minor in police custody, Jharkhand High Court takes cognizance, seeks response from state government

झारखंड हाईकोर्ट ने लातेहार में एक आपराधिक केस में संदेह के आधार पर नाबालिग की पुलिस हिरासत में बेरहमी से पिटाई और उसे छोड़ने के बदले उसकी मां से रिश्वत की मांग करने के आरोप पर स्वतः संज्ञान लिया है।

जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में राज्य की सरकार से जवाब मांगा है। यह मामला क्रिमिनल रिट के तौर पर दाखिल किया गया था, जिसे अदालत ने स्वतः संज्ञान में बदल दिया। मामले की अगली सुनवाई 24 जून को निर्धारित की गई है।

लातेहार के महुआडांड़ थाना क्षेत्र में एक अप्रैल को हामी गांव निवासी 15 वर्षीय दुर्गेश महतो की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हो गई थी। उसका शव एक खेत में पाया गया था, जहां बिजली का तार भी गिरा पड़ा था।

स्थानीय लोगों के अनुसार, दुर्गेश की मौत बिजली का तार टूटकर गिरने की वजह से हुई थी। इसे लेकर लोगों ने सड़क जाम भी किया था।

दूसरी तरफ, मृतक की मां मुनु देवी ने पुलिस को दिए आवेदन में आरोप लगाया कि तीन-चार लोगों ने दुर्गेश महतो की पिटाई की, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि एक नाबालिग की मां सावित्री देवी ने उसे धमकी दी थी कि वह अपने बच्चे को सुधारे, नहीं तो उसे जान से मार देंगे।

पुलिस ने इस केस में सावित्री देवी के नाबालिग पुत्र को हिरासत में लिया था। सावित्री देवी ने कोर्ट में दायर रिट में कहा कि महज संदेह के आधार पर उसके पुत्र की थाने में दो दिन तक जमकर पिटाई की गई।

तीसरे दिन, जब उन्होंने अपने बच्चे को छोड़ने के लिए आग्रह किया, तो पुलिस स्टेशन इंचार्ज बादल दास ने 2.50 लाख रुपए रिश्वत की मांग की। रिश्वत नहीं देने पर उसकी फिर से पिटाई की गई थी।

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