नई दिल्ली, 24 फरवरी । लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन और सीटों के तालमेल को ‘घुटनाटेक राजनीति’ का पर्याय बताते हुए केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल 2012-2013 से ही सोनिया गांधी से जुड़े हुए हैं और हार का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ने के लिए इन दोनों दलों ने गठबंधन किया है। लेकिन, आप-कांग्रेस के साथ आने के बावजूद भाजपा दिल्ली में लोकसभा की सभी 7 सीटों पर जीत हासिल करेगी।
मीनाक्षी लेखी ने भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दोनों ही दल यह जानते हैं कि हार तय है। दोनों ही दलों ने भ्रष्टाचार किया है, इसलिए हार का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ने और भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई से बचने के लिए आप और कांग्रेस ने गठबंधन किया है।
उन्होंने भाजपा को दिल्ली में पिछले लोकसभा चुनाव में मिले मत का आंकड़ा सामने रखते हुए कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में भाजपा को अकेले 57 प्रतिशत के लगभग वोट मिला था, जबकि कांग्रेस को 22.51 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी को सिर्फ 18.11 प्रतिशत वोट ही मिला था।
लेखी ने कहा कि जिन-जिन राज्यों में इन दोनों दलों ने गठबंधन किया है, उन-उन राज्यों का गणित भी भाजपा के पक्ष में ही है। वैसे भी राजनीति गणित नहीं है, ये केमिस्ट्री है। भ्रष्टाचारियों की अलग केमिस्ट्री है और सेवादारों की अलग केमिस्ट्री है। सेवादारों के सामने भ्रष्टाचारियों की केमिस्ट्री चलने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि दलों का गठबंधन दिलों का गठबंधन नहीं होता है।
लेखी ने ‘कांग्रेस का हाथ हमेशा झाड़ू के साथ’ रहने का बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के कारण ही एक नवगठित आम आदमी पार्टी को उस समय झाड़ू का चुनाव चिन्ह मिल गया था। बच्चों की कसम खाने के बावजूद केजरीवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर रहे हैं। जिस कांग्रेस के नेताओं को केजरीवाल भ्रष्टाचारी कहा करते थे, आज उन्हीं के साथ गठबंधन कर रहे हैं। 2013 में आम आदमी पार्टी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचारी पार्टी है और कांग्रेस में सारे के सारे भ्रष्टाचारी हैं। आज 10 साल बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में कंपटीशन चल रहा है कि कौन ज्यादा भ्रष्टाचारी है।
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आप-कांग्रेस गठबंधन को ‘चोर-चोर मौसेरे भाई के गठबंधन’ की संज्ञा देते हुए जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का फैसला करके यह दिखा दिया है कि उन्होंने दिल्ली का विश्वास खो दिया है। उन्होंने कहा कि एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले ये दोनों दल एक हो गए हैं।