N1Live Uttar Pradesh महाकुंभ के लिए संगम के साथ ही सज संवर रहे अयोध्या, वाराणसी और चित्रकूट धाम
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महाकुंभ के लिए संगम के साथ ही सज संवर रहे अयोध्या, वाराणसी और चित्रकूट धाम

Along with Sangam, Ayodhya, Varanasi and Chitrakoot Dham are also getting ready for Maha Kumbh

महाकुंभ नगर, 25 दिसंबर । सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुंभ को लेकर तैयारियां सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं हो रही है, इसका असर प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी होने जा रहा है। महाकुंभ 2025 के दृष्टिगत श्रद्धालुओं और पर्यटकों का प्रयागराज के साथ-साथ अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, मिर्जापुर, लखनऊ में भी बड़ी संख्या में आवागमन संभावित है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन स्थानों पर भी मूलभूत सुविधाएं विकसित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

अनुमानित 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना को देखते हुए, इन सभी धार्मिक स्थलों पर व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, जिसमें यातायात व्यवस्था का विस्तार, आवास सुविधाओं का विकास, स्वच्छता एवं पेयजल की व्यवस्था, चिकित्सा सुविधाएं और सुरक्षा प्रबंधन शामिल हैं। विशेष रूप से प्रयागराज में त्रिवेणी संगम क्षेत्र, अयोध्या में राम मंदिर परिसर, वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और चित्रकूट में कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन सभी स्थलों पर श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

नगर विकास विभाग ने धार्मिक स्थलों के लिए लगभग 65 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की है। इसमें अयोध्या के लिए 12.41 करोड़ रुपए, अयोध्या यूपीएसटीडीसी (उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम) के लिए 5.25 करोड़ रुपए, मिर्जापुर के लिए 10.87 करोड़ रुपए, चित्रकूट के लिए 4.85 करोड़ रुपए, भदोही के लिए 1.38 करोड़ रुपए और लखनऊ के लिए 28.68 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है।

प्रस्तावित मूलभूत सुविधाओं में अस्थायी आवासीय व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी और स्विस कॉटेज की स्थापना की जाएगी। खान-पान की व्यवस्था के लिए अस्थायी किचन की स्थापना प्रस्तावित है। प्रकाश व्यवस्था के अंतर्गत विद्युत सजावट और मोबाइल जेनसेट की आपूर्ति की जाएगी, जबकि ठंड से बचाव के लिए हीटर और अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

इसके अतिरिक्त स्वच्छ पेयजल, अस्थायी और मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था, सफाई के लिए मैनपावर और सौंदर्यीकरण के तहत रंगाई-पुताई और वॉल पेंटिंग प्लेस मेकिंग के कार्य कराए जाएंगे। शौचालय निर्माण का कार्य स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) मद से किया जाएगा, जबकि अलाव और कंबल की व्यवस्था राजस्व विभाग के आपदा राहत प्रबंधन विभाग से की जाएगी। प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर निगम और नगर निकाय, वहीं, साइनेज की व्यवस्था पर्यटन, सूचना एवं लोक निर्माण विभाग को दी गई है।

विभिन्न व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए विशेष समिति का गठन किया जाएगा। समिति का उद्देश्य अस्थायी आवासीय व्यवस्था, टेंट सिटी समेत अन्य कार्यों के संबध में निर्णय लेना होगा। समिति की अध्यक्षता संबंधित मंडलायुक्त करेंगे। जबकि, समिति के सदस्यों में संबंधित जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी, संबंधित निकाय, यूपीएसटीडीसी लखनऊ से नामित अधिकारी होंगे।

समिति परियोजनाओं का औचित्य, अपरिहार्यता एवं आगणन का मूल्यांकन करेगी। इसके साथ ही, कार्यदायी संस्था का भी चयन किया जाएगा। यूपीएसटीडीसी को तंबू एवं किचन व्यवस्था के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में चुना जाना है। समिति अपनी स्पष्ट संस्तुति सहित प्रस्ताव तैयार करेगी, जिसे कुंभ मेलाधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। अंतिम अनुमोदन प्रक्रिया के तहत शीर्ष समिति की बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसमें अनुमोदन के बाद महाकुंभ बजट से धनराशि आवंटित की जाएगी।

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