N1Live National पटाखों की खरीदारी के बीच ‘जिम्मेदारी’ की बात, 10वीं की छात्रा ने दिया ‘सुरक्षित और हरित’ दीपावली का संदेश
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पटाखों की खरीदारी के बीच ‘जिम्मेदारी’ की बात, 10वीं की छात्रा ने दिया ‘सुरक्षित और हरित’ दीपावली का संदेश

Amid calls for 'responsibility' while buying firecrackers, a Class 10 student shares the message of a 'safe and green' Diwali.

दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है, जिसे लेकर बाजारों में रौनक और भीड़ बढ़ती जा रही है। भुवनेश्वर के बारमुंडा पटाखा बाजार में भी यही नजारा देखने को मिला, जहां हर कोई त्योहार की खरीदारी में व्यस्त नजर आया।

इसी भीड़ में कक्षा 10 की छात्रा अर्पिता लोगों को सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल दीपावली मनाने का संदेश दे रही थी। अपने परिवार के साथ पटाखे खरीदने आई अर्पिता ने कहा, “हर कोई इस त्योहार को लेकर उत्साहित है और यही दीपावली को खास बनाता है। लेकिन हमें इस खुशी में जिम्मेदारी नहीं भूलनी चाहिए।”

अर्पिता ने सरकार द्वारा पटाखे जलाने के लिए निर्धारित दो घंटे की सीमा की सराहना की और कहा कि यह फैसला प्रदूषण को कम करने के लिए एक अच्छा कदम है। उसने कहा, “सरकार ने जो समय सीमा तय की है, वह सही दिशा में एक पहल है। हमें इसका पालन करना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।”

अर्पिता ने कहा, “मैंने ऐसे पटाखे लिए हैं जो कम धुएं वाले हैं और तेज आवाज नहीं करते। तेज और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की संख्या कम होनी चाहिए। हम सब मिलकर एक सुरक्षित, हरित और खुशहाल दीपावली मना सकते हैं।”

बारमुंडा बाजार में मौजूद दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने भी अर्पिता की बातों का समर्थन किया। उनका कहना था कि इस बार काफी लोग इको-फ्रेंडली पटाखों में रुचि दिखा रहे हैं, जिससे पर्यावरण के प्रति जागरूकता का स्तर बढ़ा है।

बता दें कि ग्रीन पटाखों को इको-फ्रेंडली यानी पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है। ये पटाखे सामान्य पटाखों की तुलना में बहुत कम प्रदूषण फैलाते हैं और कम प्रदूषण करते हैं।

इन खास पटाखों को वैज्ञानिक संस्था सीआईआर-एनईईआरआई (नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) ने विकसित किया है। ग्रीन पटाखों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता।

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