अमरावती, आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कोनसीमा जिले का नाम बदलकर डॉ बी आर अंबेडकर कोनसीमा जिले के रूप में करने का फैसला किया।
मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जिले का नाम बदलने के लिए 18 मई को जारी गजट अधिसूचना को मंजूरी दी गई।
पुलिस ने पूरे जिले में, विशेषकर जिला मुख्यालय अमलापुरम में सुरक्षा बढ़ा दी है। क्योंकि 24 मई को सरकार के इस कदम के खिलाफ भीड़ की हिंसा देखी गई थी।
हिंसा में 25 पुलिसकर्मियों समेत दर्जनों लोग घायल हो गए।
जिले का नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने राज्य मंत्री पी. विश्वरूप और विधायक पी. सतीश के घरों में आग लगा दी और कुछ पुलिस और निजी वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।
कैबिनेट के फैसले के मद्देनजर पुलिस ने किसी भी विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कस्बे और जिले के अन्य हिस्सों में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया था।
पिछले महीने हिंसा के लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने वाले संगठनों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही थी।
राज्य सरकार ने 18 मई को एक अधिसूचना जारी कर कोनसीमा जिले का नाम बदलकर डॉ अंबेडकर कोनसीमा जिले के रूप में रखने के प्रस्ताव पर आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए थे।
इसने कोनसीमा के भीतर रहने वाले लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगीं। आपत्ति और सुझाव भेजने की 30 दिन की अवधि पिछले सप्ताह समाप्त हो गई।
कोनसीमा जिले को पूर्वी गोदावरी से अलग कर अमलापुरम का मुख्यालय बनाया गया था।
यह 4 अप्रैल को बनाए गए 13 जिलों में से एक था, जिससे राज्य में कुल जिलों की संख्या 26 हो गई।