डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने आज अजनाला में बाल विकास एवं संरक्षण कार्यालय और सामाजिक सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित गाँवों और कस्बों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्र भी बंद कर दिए गए हैं, जिससे शिशुओं और छोटे बच्चों की पौष्टिक आहार की ज़रूरत पूरी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा, “हमने विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रभावित क्षेत्र के लगभग 11,000 बच्चों, जो आंगनवाड़ी केंद्रों में आते थे, को एक महीने का पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। यह उनके घरों तक पहुँचाया जाएगा।”
इसी प्रकार, प्रभावित क्षेत्र के लगभग 18,000 वृद्धजन, जो वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त कर रहे थे, से फोन पर संपर्क कर उनकी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी ली जा रही है।
इसके अलावा, साहनी ने बताया कि विभाग के कर्मचारियों, कुछ शिक्षकों और एनसीसी कैडेट्स को इस काम के लिए फील्ड में तैनात किया जा रहा है। डीसी ने कहा, “हर बुज़ुर्ग व्यक्ति, खासकर जो अकेले रहते हैं, उनसे फ़ोन या गाँव के सरपंच के ज़रिए संपर्क किया जाएगा। उनकी तत्काल ज़रूरतें जैसे दवाइयाँ, पढ़ने का चश्मा और सहारे के लिए छड़ी, उन्हें नियुक्त अधिकारियों के ज़रिए भेजी जा रही हैं।”
इसके अलावा, एनसीसी कैडेटों को ज़मीनी स्तर पर लोगों की ज़रूरतों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का काम सौंपा गया है। कैडेट लोगों को फ़ोन करके उनकी तात्कालिक ज़रूरतों के बारे में जानकारी इकट्ठा करेंगे। फिर प्रशासन उन सुविधाओं को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेगा।
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