शिमला, 7 अगस्त सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीआईटीयू) से जुड़ी आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की राज्य कमेटी ने सेवाओं को नियमित करने की मांग की है। सदस्यों ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे सितंबर से पूरे राज्य में व्यापक आंदोलन शुरू करेंगे। आज यहां हुई कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया।
बैठक के दौरान सीआईटीयू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि कर्मचारी पूर्व प्राथमिक शिक्षा में 100 प्रतिशत नियुक्ति, नियुक्तियों के लिए 45 वर्ष की सीमा को हटाने, पर्यवेक्षक नियुक्तियों के लिए भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से डिग्री को मान्यता देने की मांग कर रहे हैं।
इसके अलावा स्नातक कर्मियों को वरिष्ठता के आधार पर पर्यवेक्षक के रूप में तत्काल भर्ती करना, सरकारी कर्मचारियों का दर्जा देना, हरियाणा के समान वेतन व वरिष्ठता लाभ प्रदान करना, पंजाब के समान चिकित्सा व अन्य अवकाश प्रदान करना, सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष करना तथा सभी मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण केंद्र में स्तरोन्नत करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि श्रमिक वर्दी, मोबाइल रिचार्ज और स्टेशनरी सुविधाओं के लिए उचित वित्तीय सहायता की भी मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “चुनाव ड्यूटी के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाना चाहिए, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के रिक्त पदों को तुरंत भरा जाना चाहिए और कार्यकर्ताओं को अतिरिक्त कार्य के लिए अतिरिक्त भुगतान किया जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी आग्रह किया कि नई शिक्षा नीति के तहत प्री-प्राइमरी कक्षाओं और छोटे बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी श्रमिकों को दी जाए, क्योंकि उन्हें अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है और उनके वेतन में वृद्धि की जाए तथा उसे नियमित किया जाए।
बैठक के बाद संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक से मुलाकात कर अपनी मांगों से संबंधित 30 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। निदेशक ने आश्वासन दिया कि मांगों का शीघ्र समाधान किया जाएगा।
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