N1Live National अनिल विज ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- ‘निर्णय लेने की क्षमता नहीं रही, सात महीने में नहीं चुना पाई नेता प्रतिपक्ष’
National

अनिल विज ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- ‘निर्णय लेने की क्षमता नहीं रही, सात महीने में नहीं चुना पाई नेता प्रतिपक्ष’

Anil Vij targeted Congress, said- 'They have no ability to take decisions, they could not elect the Leader of Opposition in seven months'

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस में निर्णय लेने की क्षमता नहीं रही है, जिसके चलते सात महीने बाद भी विपक्ष का नेता नहीं चुना गया। इसके अलावा उन्होंने विदेश में राहुल गांधी द्वारा चुनाव प्रणाली पर उठाए गए सवाल पर भी प्रतिक्रिया दी।

कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं से हरियाणा के विधायक नाराज हैं, इसे लेकर दिल्ली में अब एक बैठक बुलाई गई है। इस पर अनिल विज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में अब निर्णय लेने की क्षमता नहीं रही है।

उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस में निर्णय लेने की क्षमता होती तो सात महीने में यह अपना विपक्ष का नेता तय कर लेते, लेकिन यह कोई फैसला नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि इस बार का विधानसभा सत्र भी बिना नेता प्रतिपक्ष के चला है। विज ने कहा कि यही कारण हो सकता है कि सभी विधायक नाराज हों, लेकिन अगर देखा जाए तो पूरे देश में कांग्रेस फैसले नहीं कर पा रही है।

वक्फ कानून के विरोध में दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में प्रदर्शन को लेकर कहा कि यह वही लोग विरोध कर रहे हैं जिनका न संविधान में, न देश की संसद में और न ही कोर्ट में विश्वास है।

उन्होंने कहा कि जब कोर्ट में केस चल रहा है तो फैसले का इंतजार करना चाहिए। विज ने कहा कि संसद में कानून बनाने का अधिकार है और विधिवत तरीके से कानून बनाया भी गया है, जिसमें सभी को बोलने का मौका भी मिला है।

अमेरिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा देश की चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाने पर उन्होंने कहा कि हमें तकलीफ इस बात की नहीं है कि वह क्या बोलते हैं क्योंकि हमें उनके ज्ञान का पता है। हमें तकलीफ इस बात की है कि वह देश की संस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं, यह बहुत गंभीर बात है। जो बात राहुल गांधी विदेश जाकर कह रहे हैं, वह बात वह देश की संसद में भी कह सकते थे, जहां उन्हें इसका जवाब भी दिया जाता। लेकिन वह इस धरती को अपनी धरती नहीं मानते, अपने आप को भारत माता का सपूत नहीं मानते और खुद को विदेशी मानते हैं।

Exit mobile version