अकोला (महाराष्ट्र), 7 अगस्त । महाराष्ट्र के अकोला में खदान पुलिस स्टेशन में छेड़छाड़ के आरोपी निलंबित पुलिस निरीक्षक धनंजय महादेव सायरे की अग्रिम जमानत अर्जी को बांबे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है।
56 वर्षीय धनंजय सायरे पर 23 वर्षीय उसकी एक परिचित लड़की से छेड़छाड़ करने का आरोप था। जिसके बाद अकोला एसपी बच्चन सिंह ने उन्हें निलंबित कर दिया। इसके अलावा उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए, जो अभी जारी है।
बताया जा रहा है कि पीड़िता नागपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती है। पीड़िता ने धनंजय सायरे को अपने माता-पिता की तरह बताया था। पीड़िता का कहना है कि इतना सब होने के बावजूद उन्होंने उसका विश्वास तोड़ा और उसका यौन उत्पीड़न किया। इस घटना से पीड़िता को गहरा मानसिक आघात पहुंचा है।
उच्च न्यायालय ने पाया कि आरोपी ने पीड़िता के साथ विश्वासघात किया है और उसे मानसिक रूप से काफी नुकसान पहुंचाया। अदालत ने यह भी माना कि आरोपी के पद को देखते हुए उसकी अग्रिम जमानत खारिज की जाती है।
बता दें, निलंबित पुलिस इंस्पेक्टर धनंजय सायरे अमरावती रहने वाला है। पीड़िता भी अमरावती की रहने वाली है। पीड़िता के पिता सायरे को पहले से जानते हैं। युवती नागपुर में कई महीनों से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। जब सायरे को लड़की के बारे में पता चला तो उसने युवती से संपर्क किया और उसकी मदद करने का वादा किया।
इसके बाद सायरे लगातार युवती को फोन करने लगा।
इस विषय पर जब युवती ने अपने माता-पिता को बताया तो उसके माता-पिता ने उसे सलाह दी कि इस पर ध्यान न देते हुए वह पढ़ाई पर ध्यान दे। बताया जा रहा है कि 18 मई की शाम को सायरे युवती के घर के सामने आया। घर से कुछ दूरी पर सायरे ने युवती को रोका और उसका हाथ पकड़कर छेड़छाड़ करने लगा। इसके बाद युवती तुरंत नंदनवन थाने पहुंची और सायरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
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