कोलकाता, लोकप्रिय पाश्र्व गायक अरिजीत सिंह द्वारा अगले साल की शुरुआत में कोलकाता के इको पार्क में होने वाले एक संगीत कार्यक्रम को रद्द किए जाने पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक ट्वीट का जिक्र किया है, जो शिवसेना की धमकियों के बाद मुंबई में पाकिस्तानी गायक गुलाम अली के एक संगीत कार्यक्रम को रद्द करने पर अक्टूबर 2015 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा था। गुलाम अली का शो रद्द होने के बाद ममता ने 8 अक्टूबर, 2015 को एक ट्विटर संदेश में महान पाकिस्तानी गायक को कोलकाता में एक संगीत कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया था।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था, “संगीत की कोई सीमा नहीं है। संगीत दिल की लय है। गुलाम अली जी का संगीत कार्यक्रम कोलकाता में हो सकता है, हम सभी व्यवस्था करेंगे।”
उस ट्विटर संदेश का हवाला देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को एक नया ट्विटर संदेश जारी कर मुख्यमंत्री से अरिजीत सिंह के बारे में वैसी ही उदारता नहीं दिखाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “जब पाकिस्तानी गुलाम अली की बात आती है तो संगीत की कोई सीमा नहीं होती है, लेकिन हिंदुस्तानी अरिजीत सिंह के लिए मामला अलग है।”
भाजपा ने आरोप लगाया है कि गायक ने हाल ही में कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (केआईएफएफ) के उद्घाटन में ममता की मौजूदगी में लोकप्रिय गीत ‘रंग दे तू मोहे गेरुआ’ गाए जाने की कीमत चुकाई है, जिसमें अन्य लोगों के अलावा बॉलीवुड के शीर्ष सितारे अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और रानी मुखर्जी भी शामिल थे।
भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के पर्यवेक्षक अमित मालवीय और पश्चिम बंगाल में भाजपा की युवा शाखा के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रनील खान ने इसको लेकर राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा।
हालांकि, राज्य के शहरी विकास मामलों के मंत्री और कोलकाता के मेयर फरहाद हकीम ने इस तरह के आरोपों को खारिज कर दिया और दावा किया कि उस दौरान ईको पार्क में सभी कार्यक्रम जी20 संगोष्ठी को ध्यान में रखते हुए रद्द कर दिए गए है।
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