चीन में फैले एचएमपीवी वायरस को बिहार में मात देने के लिए कोरोना की तर्ज पर इंतजाम किए जाएंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद सभी जिलों के जिलाधिकारियों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य एवं अधीक्षक, सिविल सर्जनों को इस वायरस से बचाव के लिए कोरोना की तर्ज पर ही इंतजाम करने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह एक श्वसन तंत्र से जुड़ा हुआ वायरस है। इसके संक्रमण से बचने के लिए कोई विशेष एंटी वायरल या वैक्सीन अबतक उपलब्ध नहीं है।
विभाग ने निर्देश दिया है कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा इन्फ्लूएंजा के समान बीमारी एवं सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी न्यूमोनिया (सारी) का सर्विलांस सुनिश्चित करते हुए इसको आईएचआईपी पोर्टल पर प्रतिदिन रिपोर्ट दी जाए।
कोविड-19 से संबंधित दवा, किट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, मास्क इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके ट्रेंड पर ध्यान रखने और इसके बढ़ने की स्थिति में सभी अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण गतिविधियों की सघन निगरानी करने को कहा गया है। अस्पताल में गंभीर रूप से भर्ती मामलों के सैंपल को राष्ट्रीय लैब में भेजकर जांच कराने के भी निर्देश दिए गए हैं जिससे एचएमपीवी की लैब में पुष्टि हो सके।
विभाग के अनुसार इसके लक्षणों में कफ, बुखार, नाक में संक्रमण, श्वास में परेशानी, गंभीर स्थिति में ब्रोंकाइटिस एवं न्यूमोनिया शामिल है। एचएमपीवी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने अथवा छींकने से फैलता है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति को छूने, एवं संक्रमित वस्तुओं के मुंह, आंख अथवा नाक के संपर्क होने से फैल सकता है।
एचएमपीवी से बचाव के लिए कोरोना के समान ही प्रमुख विधि बताई जा रही है। विशेषकर छोटे बच्चे, 60 वर्षो से अधिक अधिक उम्र वाले व्यक्ति तथा कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्ति के लिए एहतियात बरतने का सुझाव दिया गया है।