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करनाल में मक्के की आवक बढ़ी, लेकिन प्रति एकड़ कम पैदावार से किसान चिंतित

Arrival of maize increased in Karnal, but farmers worried due to low yield per acre

करनाल, 29 जून करनाल अनाज मंडी में मक्के की आवक जोरों पर है। अब तक मंडी में 72,245 क्विंटल मक्के की आवक हो चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है।

गर्म मौसम को दोषी ठहराया गया अप्रैल-मई-जून के दौरान अत्यधिक गर्मी के कारण प्रति एकड़ मक्का उत्पादन में गिरावट आई है। पिछले साल किसानों को प्रति एकड़ लगभग 45-46 क्विंटल उपज मिली थी, जबकि इस साल यह 25-31 क्विंटल प्रति एकड़ रही।

करनाल मार्केट कमेटी के सचिव संजीव सचदेवा ने बताया, “पिछले साल के मुकाबले इस सीजन में मक्के की आवक में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस साल अप्रैल में 306 क्विंटल, मई में 539 क्विंटल और जून में 71,400 क्विंटल मक्के की आवक हुई, जबकि पिछले साल इन तीन महीनों में 24,775 क्विंटल मक्के की आवक हुई थी।”

इस सीजन में किसानों को पिछले साल के मुकाबले फसल के अच्छे दाम मिल रहे हैं। पिछले सीजन के 1,550-2,100 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले इस बार फसल 2,100-2,135 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। आवक बढ़ने और अनुकूल दाम मिलने के बावजूद किसान कम पैदावार की चुनौती से जूझ रहे हैं।

वे अप्रैल-मई-जून के दौरान पड़ने वाली अत्यधिक गर्मी को उत्पादन में गिरावट का मुख्य कारण मानते हैं। पिछले साल किसानों को प्रति एकड़ करीब 45-46 क्विंटल उपज मिली थी, जबकि इस साल उन्हें औसतन 25-31 क्विंटल प्रति एकड़ उपज मिली है।

करनाल के किसान भरत सचदेवा, जिन्होंने शेखपुरा सोहाना गांव में 31 एकड़ में मक्का की खेती की थी, ने कहा कि इस साल बेशक कीमतें अच्छी हैं, लेकिन कम उत्पादन ने उन्हें निराश किया है।

उन्होंने कहा, “पिछले साल उत्पादन तो अच्छा था, लेकिन कीमतें कम थीं। इस साल पिछले सीजन के मुकाबले कीमतें अच्छी हैं, लेकिन पैदावार कम है। करनाल अनाज मंडी में सरकारी खरीद का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए सरकार को इसे शुरू करना चाहिए ताकि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिल सके।”

एक अन्य किसान अनिल ने कहा, “हम मौजूदा कीमतों से खुश हैं, जो पिछले साल से ज़्यादा हैं। इस मौसम में कम पैदावार एक बड़ी चिंता का विषय है।”

इसी तरह की राय जताते हुए एक अन्य किसान राजिंदर ने कहा, “पैदावार हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं है। हालांकि हमें अच्छी कीमतें मिल रही हैं, लेकिन कम पैदावार के कारण हमें अच्छा रिटर्न नहीं मिल पा रहा है।”

करनाल आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रजनीश चौधरी ने मांग की कि सरकार को करनाल अनाज मंडी में रबी और खरीफ दोनों सीजन के लिए मक्का की खरीद शुरू करनी चाहिए।

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