N1Live Himachal विधानसभा सत्र: केंद्रीय सहायता की मांग वाले प्रस्ताव पर बहस के दौरान गरमागरम बहस
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विधानसभा सत्र: केंद्रीय सहायता की मांग वाले प्रस्ताव पर बहस के दौरान गरमागरम बहस

Assembly session: Heated debate during debate on motion demanding central assistance

सिक्किम, उत्तराखंड और असम की तर्ज पर केंद्र से विशेष वित्तीय सहायता मांगने के प्रस्ताव पर बहस के दौरान आज विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

भाजपा हिमाचल विरोधी है बेहतर होता कि सदन एक स्वर में केंद्र से वित्तीय सहायता मांगने वाले इस प्रस्ताव का समर्थन करता, जैसा कि अन्य तीन राज्यों को दिया गया है। उनके व्यवहार से साफ पता चलता है कि भाजपा हिमाचल विरोधी है और उनकी एकमात्र चिंता अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करना है। सुखविंदर सुक्खू, मुख्यमंत्री

राहत वितरण में पक्षपात केंद्र सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों को दी जाने वाली राहत राशि के वितरण में घोर अनियमितताएं और पक्षपात किया गया। केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। सीपीएस और ओएसडी जैसे राजनीतिक नियुक्तियों को भारी वेतन देने में कोई वित्तीय संकट नहीं है। रणधीर शर्मा, नैना देवी विधायक

हंगामा तब शुरू हुआ जब राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी मुख्यमंत्री द्वारा नियम 102 के तहत केंद्र से विशेष सहायता की मांग करने वाले प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा ले रहे थे। नेगी और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर के बीच मौखिक बहस के बाद भाजपा ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”यह बेहतर होता कि सदन एक स्वर में केंद्र से वित्तीय सहायता मांगने वाले इस प्रस्ताव का समर्थन करता, जैसा कि अन्य तीन राज्यों को दिया गया है।” मुख्यमंत्री ने दुख जताते हुए कहा कि उनके व्यवहार से साफ पता चलता है कि भाजपा हिमाचल विरोधी है।

सुखू ने कहा कि विपक्ष भ्रमित है और वे राज्य के हितों के खिलाफ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा, “एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के तहत पैसा पाना हमारा संवैधानिक अधिकार है और केंद्र हमें यह पैसा देकर कोई एहसान नहीं करेगा क्योंकि यह वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार हर राज्य को दिया जाता है।”

उन्होंने कहा, “मैं केंद्रीय वित्त मंत्री से मिलूंगा और पीडीएनए के तहत लंबित धनराशि की मांग करूंगा। हम अपने अधिकारों और आवंटन के लिए लड़ेंगे जो हमारा वैध अधिकार है।”

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