कोलकाता, 21 दिसंबर । बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। बांग्लादेश में पिछले दो दिनों में तीन मंदिरों को निशाना बनाया गया। कट्टरपंथी हमलावरों ने इन मंदिरों पर हमला करके मूर्तियों को खंडित कर दिया। इस घटना पर इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने चिंता जाहिर की है।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हमारे विदेश सचिव जब बांग्लादेश गए थे तो हम लोग आशा कर रहे थे कि माहौल शांत हो जाएगा। लेकिन, शनिवार को फिर हमने देखा कि पिछले दो से तीन दिनों में तीन अलग-अलग जगहों पर मंदिरों पर हमला किया गया है। यह बहुत दुखद है। मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि यह कब बंद होगा। हिंदुओं के साथ ऐसी घटनाएं होना हमें चिंतित करती हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है कि ये घटनाएं रुकने का नाम नहीं लेंगी। वहां के कट्टरपंथी लोग अभी भी उकसाने वाले भाषण दे रहे हैं। वहां के कट्टरपंथी कह रहे हैं कि इस्कॉन को बैन करना चाहिए। यदि इस्कॉन को बैन नहीं किया गया तो हम लोग खुद इस्कॉन को दंडित करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा वह लोग हिंदू, सिख, बौद्ध और ईसाई सभी समुदाय के लोगों को धमका रहे हैं। क्रिसमस आने वाला है। वहां का ईसाई समुदाय भी बहुत चिंतित है। इंटेलिजेंस एजेंसियों ने आगाह किया है कि वहां हमला हो सकता है। इसी वजह से उन लोगों को भी सलाह दी जा रही है कि क्रिसमस का जश्न मनाते हुए सावधानी बरतें। वहां सुरक्षा के भी इंतजाम किए जा रहे हैं। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का ऐसे दहशत में रहना बहुत ही चिंता का विषय है। वह लोग अपना त्योहार भी ठीक से नहीं मना सकते हैं।”
बता दें कि बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले के हलुआघाट पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह हमलावरों ने शाकुई संघ के बोंडेरपारा मंदिरों पर हमला कर दो मूर्तियों को खंडित कर दिया। इस घटना के बाद अब तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है और न ही किसी को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले, गुरुवार सुबह हलुआघाट के पोलाशकंडा काली मंदिर पर भी हमला हुआ था, जिसमें मूर्ति को खंडित कर दिया गया।