चंबा में बुधवार को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जागरूकता अभियान चलाया गया। 8 मार्च तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने किया।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डीसी रेपसवाल ने इस अभियान को एक परिवर्तनकारी, जन-संचालित पहल बताया, जिसमें समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने लैंगिक भेदभाव से निपटने और लड़कियों को सशक्त बनाने में अभियान की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
डिप्टी कमिश्नर ने ऐतिहासिक रूप से कम संख्या वाले ब्लॉकों में बाल लिंग अनुपात में उल्लेखनीय सुधार का भी उल्लेख किया, और इस प्रगति का श्रेय जमीनी स्तर के प्रयासों को दिया। उन्होंने इन लाभों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन का आह्वान किया।
सैनिक कल्याण बोर्ड की उपनिदेशक कैप्टन (सेवानिवृत्त) अनुमेहा पराशर ने अपने अनुभव साझा किए और अभियान के उद्देश्यों के प्रति अपना समर्थन जताया। चंबा में महिला पुलिस थाने की प्रभारी रजनी ने घरेलू हिंसा और बाल विवाह की समस्याओं को संबोधित किया, जबकि जागोरी संगठन की उमा देवी ने मासिक धर्म से जुड़ी गलत धारणाओं को दूर करने के लिए विस्तृत जानकारी दी।
आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित रैली बचत भवन से शुरू होकर अस्पताल से होते हुए सर्किट हाउस में समाप्त हुई।
कार्यक्रम में शिक्षा उपनिदेशक भगत सिंह, शिक्षा विभाग के ओएसडी उमाकांत, डीएसपी जितेंद्र और जिला रोजगार अधिकारी अरविंद चौहान सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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