मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को हिसार के लघु सचिवालय परिसर में भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह दिन न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है, क्योंकि हम बाबा साहब के दिखाए मार्ग पर चलते हुए भारत के लिए उनके सपने को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के भी चिरस्थायी प्रतीक थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और वंचितों के उत्थान और कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। संविधान के माध्यम से बाबा साहब ने देश को एकीकृत किया और राष्ट्रीय एकता और अखंडता को नई ताकत दी। उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहब के आदर्शों का पालन करते हुए 2047 के भारत के विजन पर ध्यान केंद्रित करके विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है। यह सामूहिक मिशन है जिसमें सभी नागरिकों को योगदान देना चाहिए।
संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए पूरे देश में साल भर चलने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। इनमें जागरूकता अभियान शामिल हैं, जिसमें आम जनता के बीच समझ को बढ़ावा देने के लिए संविधान की प्रस्तावना पढ़ी जा रही है।
बाबा साहब को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के वंचित और शोषित वर्ग के सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले बाबा साहब समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर समाज के उत्थान, खासकर अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। समतावादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक संविधान के मुख्य निर्माता के रूप में बाबा साहब ने सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किए। उन्होंने अस्पृश्यता और जाति आधारित भेदभाव के खिलाफ अथक संघर्ष किया और उनके प्रयासों से संविधान में समानता का अधिकार और अस्पृश्यता उन्मूलन जैसे प्रावधान शामिल किए गए। अपने जीवन में अपार बाधाओं का सामना करने के बावजूद बाबा साहब ने उच्च शिक्षा हासिल की और आने वाली पीढ़ियों को अपने पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित किया।
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