हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने इल्मा अफरोज को बद्दी पुलिस अधीक्षक के पद पर तत्काल तैनात करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई 9 जनवरी तक स्थगित कर दी है।
सुनवाई के दौरान राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य ने इस तथ्य के संबंध में प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ एक आवेदन दायर किया है कि संबंधित अधिकारी ने स्वयं बद्दी से स्थानांतरण का विकल्प चुना था।
बाद में मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधावालिया और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने मामले को 9 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। अपने पहले के आदेश में अदालत ने गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी।
उल्लेखनीय है कि बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज स्थानीय विधायक के साथ कथित टकराव के बाद लंबी छुट्टी पर चली गई थीं। उन्होंने 16 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय में कार्यभार संभाला और एसपी के रूप में ड्यूटी पर लौटने के आदेशों का इंतजार कर रही हैं।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से मामले में उचित आदेश जारी करने का आग्रह करते हुए कहा कि इल्मा अफरोज की बद्दी में तैनाती से आम जनता सुरक्षित महसूस करेगी और इलाके में सक्रिय ड्रग और खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होगी। याचिकाकर्ता ने कहा कि जब से इल्मा अफरोज बद्दी में तैनात हुई हैं, उन्होंने कानून का शासन लागू किया है और एनजीटी द्वारा जारी निर्देशों और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों को लागू किया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि आपराधिक मामले में अदालत के पिछले आदेश के अनुसार, एसपी इल्मा अफ़रोज़ को अदालत की अनुमति के बिना स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने आगे दावा किया कि एसपी को छुट्टी पर जाने के लिए मजबूर किया गया ताकि ड्रग और खनन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जा सके और व्यापक जनहित में उन्हें एसपी बद्दी के पद पर तैनात किया जाना चाहिए।
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