हरियाणा में सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) बिल जारी करने पर लगाई गई सीमा ने राज्य सरकार द्वारा बजट आवंटन की घोषणा के बावजूद धन के वितरण को रोक दिया है। इस कदम से अकेले फरीदाबाद जिले के करीब 500 शिक्षक प्रभावित हुए हैं।
शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि फरीदाबाद के लिए 4.5 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, लेकिन वित्त विभाग द्वारा निर्धारित सीमा के कारण लाभार्थियों तक यह राशि नहीं पहुंच पाएगी। राज्य भर में गुरुग्राम, भिवानी, फतेहाबाद, कैथल, हिसार और अन्य जिलों के लिए 35.55 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निर्धारित की गई है, लेकिन राज्य भर में लगभग 8,000 शिक्षकों को यह राशि मिलने की संभावना नहीं है।
एलटीसी बकाया 2020-23 की ब्लॉक अवधि से संबंधित है और शुरू में 31 दिसंबर, 2023 तक भुगतान किए जाने की उम्मीद थी। हालांकि, बजटीय आवंटन की कमी और चुनाव प्रक्रिया के कारण देरी ने भुगतान की समयसीमा बढ़ा दी है। हरियाणा प्राथमिक शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष चतर सिंह ने कहा, “31 दिसंबर, 2023 को देय राशि को न केवल एक साल बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2024 कर दिया गया, बल्कि अब देरी दो साल तक पहुंच गई है।”
उन्होंने मौजूदा सीमा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि 31 दिसंबर तक धनराशि हस्तांतरित नहीं की गई तो लाभ समाप्त हो सकता है। उन्होंने कहा, “बजट की अनुपलब्धता और वित्तीय प्रतिबंधों ने शिक्षकों को लगभग पांच वर्षों से उनके बकाये से वंचित रखा है, जिससे भारी पीड़ा और अशांति पैदा हुई है।”
हरियाणा अतिथि शिक्षक संघ के प्रतिनिधि रघु वत्स ने लंबित बकाया राशि तत्काल जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा, “किसी भी तरह की देरी से सरकार की बजट घोषणा बेकार हो जाएगी और समस्या और बढ़ेगी।”
जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह ने स्पष्ट किया कि यदि एलटीसी बजट 31 दिसंबर तक जारी नहीं किया गया तो यह समाप्त नहीं होगा। उन्होंने सीमा को तकनीकी कारणों से बताया तथा उम्मीद जताई कि इसे जल्द ही हटा लिया जाएगा।
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